Book Title: Bahubali tatha Badami Chalukya
Author(s): Nagarajaiah Hampa, Pratibha Mudaliyar
Publisher: Rashtriya Prakrit Adhyayan tatha Anusandhan Sanstha

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Page 231
________________ 186 | बाहुबलि तथा बादामी चालुक्य मोक्कर बसदी- सातवीं सदी का पूर्वार्ध शंखवसति- छठी सदी का उत्तरार्ध 15. तलकाडु- पार्श्व प्रतिमा- सातवीं सदी (इस युग के जैन केंद्रो की सूची) आडूरु (गंगी पांडियुर) ऐहोळे (आइ- होले, आर्यपोलल) अण्णिगेरे (सं. अन्यतटाक) आसंदिलूर-आसंद्यलुर( आसंदिहळ्ळि) बादामी (वातापी) बनवासी (बनवसे, वनवासी, वैजयंतिपुरा)) बस्तिपुर (कोळ्ळेगाल) बिजवाड- आंध्र गडिकेशवर- गुलबर्गा जिला. कळ्ळवप्पु (सं. कटवप्र, श्रवणबेळगोळ) केल्लंगेरे केल्लिपुसूर (केलसूरु जिला चामराजनगर)) किरुवट्टगेरे, (करटगेरी) किसुवोळल (सं. रक्तपुर, पट्टदकल्ल, पट्टदकिसुवोलल) कोपणनगर (कोपणाद्री, कोप्पळ्ळ) मल्लसमुद्र (बळ्ळगेरे) नरसिंहराजपुर (सिंहनगद्दे) पलसिगे (सं. पलासिका, आधुनिक हलसी) परलूरु (आधुनिक हळ्ळरु) बागलकोट जिला पुलिगेरे (लक्ष्मेश्वर) पुन्नाडु (पुन्नाट) पोंबुरचा (होंबुजा, हुमचा) अण्णिगेरे एक महत्वपूर्ण नगर तथा चालुक्यों के काल से ही बेळवोल 300 की राजधानी थी और राजधानी के रूप में ही जाना जाता था और होयसला के शासनकाल तक वह राजधानी का शहर ही बना रहा। अण्णिगेरे, जगह का कन्नड नाम है, जिसका संस्कृत रूप था अन्यतटाक, जो निश्चित ही मिथ्या नाम है। . Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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