Book Title: Avashyak Niryukti Part 03
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala
View full book text
________________
एत्थं पुण अहिगारो...... एमेव अरजिणिंदस्स
एमेव बलसमग्गो...... एमेव य कुंथुस्सवि
एमेव य जोगा ...... एमेव य निद्देस...... एमेव य पासवणे.
॥ १४३ ॥
एमेव व समणीयं ....... एवं किकम्मविहिं.
॥१३६५ ॥ ।।१४०७ ।। ।।१२३१ ।। ॥ध्या २४ ॥ ।। ५८१ ।। एवं जहन्नमुककोस..... ॥ मा. १६४॥
......
एवं चउव्विहं . एयं चेव पमाणं.
एवं पच्चक्खाणं ...... एवं सामावारिं जुजता....
एवं अभिधुतो...... एवं एए कहिया ...... एवं ककारलंभो....... एवं खु सीलवतो. एवं चव्वि...... एवं चिय वयजोगं एवं तवोगुणओ. एवं बद्धमबद्ध....... एवं य कालगयंमी........
******
एवं सामाचारी......
एवं सो रुइअमई
एवंविहा गिरा मे एवहं थोऊणं
******
..एवं सदेवमणुआ.....
एवं सव्वंमिवि .....
.....
......
॥७३३॥
।। २९४ ।। प्र. ।। ।।२९३ ।। ॥१४७१ ॥
.....
।। १५७३ ।।
।। ७२३ ||
भा. ८८ ॥
||७८४॥
॥
॥१०२९ ॥ | ११२१ ॥ ॥ध्या १०॥ ।। ध्या. ७६ ।। ॥ ५३८ ॥
||१०२३ ।।
॥पा. ३२॥ ॥मा १०५॥ ॥ भा. १८५ ॥
॥७२२ ॥
।।३५९ ।।
निर्युक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः
३८३
118011
॥१०१४॥
[ ओ ] कम्मोवरिं.... ओगाहणाइ सिद्धा ०...... ॥९७४॥ कयपंचनमुक्का ओदइए १ ओवस.... ||.भा. २०१॥ कयपच्चक्खाणोऽवि... | १५८६ ॥ ओमपाहारंता अजीर०... कयाक १ केण
॥
॥१०२७॥
॥ भा. २०८ ॥ ॥१०१६ ॥ सू. । करेमि भंते ! सामाइये ..... कलहकरो डमरकरो...... ॥१०७४॥
कल्लं सब्बिड्डीए
॥३३५॥
कसिणं केवलकप्पं
॥१०७९ ॥
॥१३७॥
।। १०२८ ॥
||३५२ ॥ ॥१५२५॥
......
ओमे सीसपवासं ओरालिअवेउव्विअ०..... ॥४१॥ ओरालियवेडव्वियआ.... ।। १४३५|| ओरालियवेडब्बिय आहारो..... ॥१॥
कंतारे दुभिक्ख.......
॥ भा. २५२ ॥
कइओणयं कईसिरं०
. ॥११०४॥
कइहि समएहि लोगो.....
॥१०॥
कडे १ पुत्थे -- ॥१३५॥ कडिपट्टए व हिली....पा. १३॥ कणगा हणंति
॥१३९० ॥ ।। १५०८ ॥
कति कई मे पार्व
॥६८७॥ ॥२४२॥
॥ २४५ ॥
॥१८॥
॥२६॥
॥१४७९॥
॥पा. ६७॥
॥४२९ ॥ कप्पस्स य......
॥८५॥
एवमणुचितं तस्स कप्पाकप्पे परिणिडियस्स.. ।।६८८॥ एस चरितुस्सग्गो...... कमभिण्णवयणभिण्ण.... ॥८८२ ॥ एसा उ विही सव्वा. ॥पा.६४॥ कम्मं किसिवाणिज्जाइ३ ॥ भा. १२॥ एसो उ असज्झाओ. ॥१३६२॥ कम्मं जमणायरिओ०.... ॥ ९२८ ॥ एसो दिसाविभागो....... ॥पा.६५॥ कम्ममवज्जं जं ॥१०३८ ॥ एसोवि न दिक्खि ...... ॥पा. २८ ॥ कम्मे ९ सिप्पे अ २ ★ आगाधा नि. १५४१ पछी छे, १०१४पछी
.....
*****
ओरालियाई ...... ओसप्पिणी इमी...... ओहावणं परेसिं
ओही खित्तपरिमाणे .....
[क]
॥
॥ भा. ७॥
||११७९ ॥ करकंडु कलिंगेस करणे १ भए .....
******
......
१५९ ॥
॥ १५०॥
भा.
कम्मविवेगो असर राय .... ||७४७ || कयलिसमागम भोयण.... ॥ ४८३॥
कत्ति कडं मे...... कत्तिअबहुले पंचमि...... कत्तिअसुद्धे तड़वा --.. कत्तो मे वण्णेडं,.... कत्तो मे वण्ठं.....
कप्पट्ठगरूयस्स उ.......
॥११८२ ॥ ॥२७॥ ||२७||
.....
***...
.....
कस्स न.....
॥९५८ ॥
।।१५०२ ॥
कह सामाइअलंभो ? ..... कहिं पहिया सिद्धा, काउं हिअए दोसे काउस्सग्गं मुक्ख ०. काउस्सग्गमि ठिओ..... काउस्सग्गे जह
।।१४९९ ।। प्र. ।। ॥१५५३ ॥
॥ भा.३६ ॥ काऊण एगछतं. काऊण य अभि...... ॥भा. ६६ ॥ काऊणमणेगाई.. ॥८३९ ॥ काए उस्सग्गंमि य...... ॥भा. २३१ ॥ काए सरीर देहे .......
॥१४४८ ॥
काएविय अज्झष्पं.
।।१४७२ ।।
.काओ कस्सइ नाम......
॥१४३२ ॥
कामं उभयाभावो
।।११३५ ॥
॥११४१॥
******
......
*****
*****
......
कामं चरणं भावो तं
काम देहावयवा कामं भवियसुरासु
******
।।११५७।। ॥१३९५ ॥
सुओओगो. ॥१३४०॥ कायस्स उ निक्खेवो...... ॥१४३० ।। कारणकज्जवि ...... कालचक्कं उक्को ..... कालचक्के णाण ०....... कालजतिच्छविदोसा. ॥९२७॥ कालमणतं च सुए + १४७८ पछी..
।। १३८८ ॥ ॥८८३ ॥
॥२८५३।।
......
*****
॥१४१० ॥
॥१४४० ॥
.....

Page Navigation
1 ... 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410