Book Title: Avashyak Niryukti Part 03
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala
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निर्यक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः 2 309 सयभिसया भरणीओ..... पा.४५॥ सह मरुदेवाइ निग्गओ..... ॥३४४॥ साहारणओसरणे ...... ॥५५४॥ सयमेवणुपालणियं ..... ॥१५८५॥ सहसा कालगयंमी.... पा.३७॥| साहारणमपज्जत्तं.... ॥१२३॥ सयसाहस्सा गंथा ..... ॥८७६॥ सा चंडवायवीचीप० ..... ॥८३५॥ साहारणासवत्ते ..... ॥५७८॥ सललियविल्लहल०...... ॥१२५८॥ सा पुण सद्दहणा ..... ॥१५८७॥| साहाणसव्वमता .....
॥९३३॥ सवियारमत्थवंजण०..... ॥ध्या.७८॥ सा वत्थी सिरिभहा ..... ॥४७९॥ साहु तिगिच्छिऊण.... ॥१७५॥ सव्वं असणं सव्वं ..... ॥१५७८॥ सा हवइ सव्व०..... भा. १८८॥
सिंघाडगतिगचउक्क०.... ॥२१८॥ सव्वं च देसविरतिं ..... ॥५६४॥ साएए पुंडरीए ...... ॥१२८९॥
॥भा.८३॥ सव्वं पाणइवायं ..... ॥१२७१॥ सागारमणागारा,..... ॥६५॥| सिउंबरजंघाए ...... ॥१०७२।। सव्वंति भाणिऊणं ..... ॥८००॥ सागारियाइ कहणं ...... ॥१३४९॥ सिज्जंस १बंभदत्ते २ ..... ॥३२७॥
सागेयम्मि महाबल ...... ॥१२९८॥ सिद्धत्ति अ बुद्धत्ति ..... ॥९८७॥ सव्वग्गहोभयाणं.... भा. १६९॥ सादीसपज्जवसिओ.... ॥७३२॥ सिद्धत्थपुरे तेणेत्ति ..... ॥५११॥ सव्वजीवेर्हि सुयं ..... ॥८६०॥ साभाविय तिन्नि ...... ॥१३३४॥| सिद्धत्थवणं..... ॥भा. १०२॥ सव्वत्थ अविसमत्तं ..... ॥५७६॥ साभिग्गहा य निरभि०... ॥१५५९॥ सिद्धस्स सुहो रासी ..... ॥९८२॥ सव्वपमायरहिया ..... ॥ध्या.६३॥| सामं १ समं च २.... ॥१०३०॥| सिद्धाण नमुक्कारो ..... ॥९९२॥ सव्वबहुअगणिजीवा..... ॥३१॥ सामाइअं करेमी....... ॥१०४६॥| सिद्धाण नमुक्कारो एवं० ॥९९१॥ सव्वलोए अरिहंत .... सू.॥ सामाइअमाईअं... भा. ३७॥ सिद्धाण नमुक्कारो धन्ना० ॥९९०॥ सव्वविहीसु अ कुसला... ॥१०८४॥ सामाइयं च तिविहं..... ॥७९६॥ सिद्धाण नमुक्कारो..... ॥९८९॥ सव्वसुरा जइ रूवं ...... ॥५६९॥ सामाइयं च पढम..... ॥११४॥| सिद्धाणं बुद्धाणं ..... सू.॥ सव्वाउअंपि सोया ..... ॥५७९॥ सामाइयं स मइयं ..... ॥८६४॥| सिद्धिवसहिमुवगया ..... ॥९११॥ सव्वाओवि गईओ ...... ॥११६२॥| सामाइयंमि उकए ......
in८०१॥ सिद्धेनमंसिऊणं ..... ॥१२७०॥ सव्वासु वट्टमाणा ..... ॥ध्या. ४०॥| सामाइयनिज्जुति.....
सिरिगुत्तेणऽवि .... भा. १३९॥ सव्वे काउस्सग्गं करेंति.... ॥७०६॥ सामाइयमाईयं.... ॥९३॥ सीआ साडी दीहं ..... ॥९४५॥ सव्वे य माहणा.... ॥६५७॥| सामाइयाइया वा..... ॥२७१॥ सीआइ मज्झयारे.... भा. ९४॥ सव्वेऽवि एगदूसेण ..... ॥२२७॥ सामाणिअदेविढि ..... ॥५०५॥ सीआलं भंगसयं ....... ॥१०४५॥ सव्वेऽवि एगवण्णा.... ॥३९१॥| साय सयं गोसद्धं...... ॥१५३२॥ सीयललुक्खाऽणुचियं.... ॥११८७॥ सव्वेऽवि गया .... ॥३९०॥ सारस्सय १ माइच्चा २..... ॥२१४॥ सीयले खुड्डए ..... ॥११०५।। सव्वेऽवि सयंबुद्धा ...... ॥२१२॥ सारस्सयमाइच्चा० भा. ८६॥ सीयाणे जं दिटुं ..... भा.२२५॥ सव्वेवि दव्वजोगा ..... ॥९३४॥ सारीरंपिय दुविहं....... ॥१३५०॥ सीयायवाइएहि ....... ॥ध्या.१०४॥ .सव्वेविअ अइयारा.... ॥११२।। | सालंबणो पडतो ...... ॥११७३॥ सीस १ मुरी २ ..... ॥भा.१६०॥ सव्वेसिपि जिणाणं..... ॥३३३॥ सावगभज्जा १ सत्त०... ॥१३४॥ | सीसुक्कंपिय सूई ...... ॥१५४९॥ सव्वेसिपि नयाणं ..... ॥१०५५॥| सावज्जजोगप्परिव० ..... ॥७९९॥सीसो पढमपवेसे ...... ॥१२२९॥ सव्वेर्सिपि नयाणं ..... ॥१६२४॥ सावज्जजोगविरओ :... ॥१०५२॥ सीहासणे निस० .... भा.९७॥ सव्वेसुवि संठाणेसु ..... ॥८२१॥ सावज्जजोगविरओ.... भा.१४९॥ सुअणोसुअ सुअ...... ॥१०४१॥ सव्वेहिंपि जिणेहिं ..... ॥३३१॥ सावत्थी उसभपरं.... ॥७८१॥ सुअनाणमि अभत्ती ...... ॥१४०९॥ सव्वोऽविय आहारो ..... ॥१५९०॥ सावयधम्मस्स विहिं.... ॥१५५८॥ सुअनाणमिवि जीवो.... ॥१४॥ ' *१५२५५छी.

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