Book Title: Avashyak Niryukti Part 03
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala

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Page 403
________________ આવશ્યકનિયુક્તિ હરિભદ્રીયવૃત્તિ-અકારાદિક્રમ ॥ भा. १८१ ॥ पत्ते वसंतमासे आ०..... ॥१३१६ ॥ ।।१९५२ ॥ ૩૯૨ ***** पडिकुवादिणे .. पडिक्कमामि गोयरच.... सू. -पत्तेयबुद्धकर...... ।। १३९८ ।। पत्तेयमक्खराई,.... पडिज़ग्गियमि पढमे ...... पडिणीयसरीरहणे. पयइठिइपएसाणु....... पयलायंत सुसुत्न....... पडिमा भद्द महाभद्द पडिलेहणा दिसा..... पडिसिद्धाणं करणे पयलाय पडिपु० परमोहि असंखिज्जा,..... पढमं जोगे जोगे..... परवसणं अहिनंदन....... पढमं दिट्ठीजुद्धं पढमंमि सव्वजीवा.... परिआओ पव्वज्जा....... परिजाणिऊण जीवे...... परिजाणिकण ठिओ...... ****** ****** ***** पढमबीयाण पढमा..... पढमस्स बारसंग पढमाणुओगसिद्धो पढमित्थ इंदभूई पढमित्थ वइरणाभो..... पढमित्य विमलवाहण .... ***** पढमिल्लुअस्स उदए. पढमिल्लुयाण उदाए..... पदमो अकालमच्चू पढमो चउदसपुथ्वी... पढमोधणूणसीई १ पढमो य कुमार.... पणतीसा ६ तीसा ७ .... पणय चउक्कं च ...... पणया पच्चंतनिव्वा..... ..... ..... ***** ***** ***** ***** ★ १२७२ पछी ।।९१२ ।। ॥९०६ ॥ ।। १५४० ।। ।।१५३९ ॥ ॥११०९ ॥ प्रि० । ॥२९९ ॥ ॥२३२॥ ॥४७८ ॥ ॥१३७६ ॥ पिसुणासब्भासब्भू..... ॥ध्या. २० ॥ पुक्खरखरदीवडे, श्रीसू. ॥ पुच्छंताण कहेड़: ॥४३७॥ 11411 पुहुं सुणेड़ स..... पुट्ठो जहा अबद्धो.... पुढविं तसपाणस... ॥ भा. १४३ ॥ ॥पा. ८२॥ ॥पा.३॥ ॥३६७॥ ॥४८७ ॥ .... ॥४४९ ॥ ॥४४७॥ *.**** ।।१४७५ ॥ ||१०८ ॥ पल्लव १ गिरिस०.... ॥१९४॥ पवयानीहूयाणं ...... ॥ १७७॥ पव्वज्ज पुट्टिले . ||४०३ ॥ पव्वज्जाए जुग्गंग ..... ॥ भा. १७९॥ पव्वज्जाए पढमं ॥५३६ ॥ पुव्वावरसंजुत्तं वेरग्ग०.... ॥ पा. १५ ॥ पसंते आसणत्थे य, ॥ १२०० ॥ पुरिमंतरंजि भूयगुह..... पाओसि अइवरते अड्ढरत्ते ।। १३९४ ॥ पुरिमेण पछि..... पाडलिपुत्त महागिरि....... ।।१२८४।। पुरिमेण० पाडलिपुत्त हुवासण.. ॥१३०० ॥ | पुरिसज्जाएऽवि तह. ..... पाणिवहमुसावा ..... ॥ भा. २४५॥ पाणीपत्तं ३ गिहि०...... ॥भा. १३६ ॥ ॥१८२॥ ****** ॥४५४ ॥ ॥६७९॥ ॥१४८७ ॥ पुव्वं च जं तदुतं पुव्वं ठंति य गुरुणो ॥१५४६॥ ॥४६३॥ ॥१३९९ ॥ ।।१३२१ ।। || १५४१ ।। पुव्वकयन्मासो........ । पा. ३६॥ ॥८३३॥ ॥ ध्या. ३०॥ ॥८०८ ॥ ||११६७॥ पुव्वपडिवन्नगा पुण पा. १ ॥ | पुव्वप्पओगओ चिय..... ॥ध्या. ८५ ॥ ॥९९५॥ पुव्वभवजम्मनाम.... ॥१५२॥ ॥९३९॥ || १५१० ॥ पुव्वमदिट्ठमस्सुअम ०...... १५२५ पछी. ॥पा.६८॥ ॥४९६ ॥ ॥१२७३ ॥ ।। १२७२ ।। ॥ ध्या. ८३॥ ॥ भा. ३२॥ ॥७९१ ।। ॥ १६८॥ ॥२३६॥ ॥ २६४ ॥ ।।५९३ ।। ।।१७६ ॥ ॥१५५॥ ॥१६४॥ ॥ ३९३॥ ।। १५६२ ।। ॥१०९० ॥ पणवीसं तु सहस्सा ॥२७३॥ पणवीसमद्धतेरस ...... ।। १५३४ ॥ पणवीससहस्साइं . ॥ २८६ ॥ पणवीसा (आवस्सग )... ||१२०७॥ पण्णं पुव्वसहस्सा ||२८५ ॥ पण्णरस २१ दस ॥३८० ॥ पण्णरस सयसहस्सा पण्णरस सयसहस्सा. पायसमा ऊसासा ॥ २७९ ॥ पारंपरप्पसिद्धी...... पारद्वावणियविहिं पालंति जहा गावो पण्णरसि माहबहुले. पण्णा छयालीसा...... ॥२८९ ॥ ॥२४६ ॥ ||६५० ॥ पावं छिंदड जम्हा १४७८ पछी + ११०८ पछी ****** परिणिव्वुया गणहरा...... परिभासणा उ.... परियाय बंभचेर, ...... परियायपरिसपुरिसे.... पलिआसंखिज्जइमे पलिओचमदसभाए..... ****** पाभाइयकालमि उ ....... पायच्छित्तपरुवण ॥१७॥ ॥ध्या. ५१ ॥ ।। ध्या. ५१॥ ॥ १४८३ ॥ ।।१५४५ ।। ॥ ४५ ॥ ॥ध्या २७॥ ***** ॥४१२॥ १८७८ ॥ प्र. ॥ ||६५८ ॥ ॥मा. ३॥ ॥ २०५ ॥ ॥११२९ ॥ ॥८९८ ॥ ।। १६१ ॥ पावंति जहा पार....... पार्वति निब्बुडपुरं पाववहमुसावाए. पावुग्धाई कीरह....... पासत्थाई वंदमा ....... पासत्थो ओसन्नो होड ||१०७॥ ||७८७॥ ॥४५० ॥ ..... ****** पासस्स कुमारतं. पासो अरिनेमी **** ..... पिट्टीचंपा वासं पियधम्मो दब्धम्मो ***** ..... ****** पुढवी आउक्काए........ पुणरवि अ समोसरणे पुणरवि भद्दिअनगरे ...... पुत्ती धणंजयस्सा. पुत्तो पयावइस्सा. ****** .... ...... ***** ****** पुव्वं दव्वालोयण........ पुव्वते होज्ज जुगं ***** *****

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