Book Title: Avashyak Niryukti Part 03
Author(s): Aryarakshitvijay
Publisher: Vijay Premsuri Sanskrit Pathshala

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Page 402
________________ निअमा मणुय... निक्किचणा य समणा ****** निक्कूडं सविसेस ....... निक्खतो हत्थिसीसा.... ॥ भा. १५१ ॥ निक्खेवे १ गड्डु २ ॥ १४२९ ॥ ॥ध्या ३५॥ निच्च चिय जुवइ०... निच्छयओ दुन्नेयं - को...... निच्छिन्नसव्वदुक्खा निज्जतं मुत्तूर्ण निज्जवण भहगुप्ते वीसुं.... ||७७६ ॥ ।। १३६१ ॥ ॥११४॥ ।। १५७६ ।। ****** ***** ***** ***** ****** ..... ॥४५६ ॥ नेरइयतिरियमणुयादेवा.... ||६६४॥ ॥ ३५५॥ नो कयपच्चक्खा .... ।। १५८३ ॥ ॥१५४३ ॥ नो तिविहंतिविहेणं. ।। १५८४॥ ...... नोउवगरणे जा सा. नोसुअकरणं दुविहं .. नोसुअपच्चक्खाणं [ प ] पंच चउरो ...... ****** ॥७१६॥ ॥ ९८८ ॥ ***** ॥१५२७॥ ॥८८५ ॥ निज्जामगरयणाणं.... निज्जावकारणंधी...... निद्दामत्तो न सरइ. निद्दोसं सारवन्तं निद्धूमगं च गाणं..... निमित्ते १ अत्यसत्ये २.... निम्माच्छियं महुहुं.... निम्मलदगरयवण्णा नियआलयाओ गमणं पंचण्हमणुववाणं पंचत्थिकायमइयं पंचमहव्ययजुत्तो पंचमियाएँ असंखडि .... ****** नियमा चित्तं झाणं नियमा जिणेसु उ...... ॥१४९० ॥ पंचविहं आयारं..... ॥११३७॥ पंचसय १ अद्धपंचम २ ॥३९२॥ ॥५९७ ॥ ॥७३१॥ प्र. ।। ॥ध्या. ५३॥ ।।११९८ ।। | पा. ३५ ॥ ॥ ९९४ ॥ पंचविहअसज्झायस्स.... ॥१३६३॥ नियमा मणुबगईए.... ॥१८४॥ पंचविहे माणुस्से ॥ भा. ८०॥ निययमहिओ व ....... ॥१४३७॥ निवणुस्सिओ ॥१४६२॥ पंचसया चुलसीया.... ॥भा. १४१ ॥ निववल्लभबहुपक्खमि ..... पा. १८॥ पंचसया चोयाला..... ॥ भा. १३५॥ निव्वाणं ९ चिड़गागिई. ॥४३५ ॥ पंचहि समणसएहिं ||३०९ ॥ ॥ ध्या. ८१ ॥ पंचाणउड़ सहस्सा १७ ॥ ३०५ ॥ निव्वाणमंतकिरिआ सा.... ||३०६ ॥ पंचाणउड सहस्सा ६ .... ॥३९६ ॥ निव्वाणसाहए जोए, ॥१००२ ॥ | पंचासइ आयामा...... ॥ भा. ९३॥ निसीया नमुक्कारे. ॥१३७९ ॥ पंचासीइ सहस्सा ६ ...... ||४०७॥ निसीहिआ आसज्जं ....... प्र. पंचासीई १ पण्णत्तरी ||४०६ ॥ निस्संकियनिक्कंखिय...... ॥ १५६३॥ पंचिंदियाण दव्वे....... ॥१३५१ ॥ निह्नाइ दव्व. भावा ...... ॥८९० ॥ पंचिदिएहिं जा सा सा...... ॥पा.८ ॥ नीयावासविहार........ ||११७६ ।। पंचेव १ अद्धपंचम २...... ३७८ ॥ नीरुयत्ताए अयलो..... ॥७४८ ॥ पंचैव य खीराई ॥१६०७॥ १३८३ पछी १४९३ पछी. ॥ + १५३५ पछी निर्युक्तिभाष्यादिश्लोकानां अकारादिक्रमः ||७२७|| ।। ९४४ ॥ ॥७२८ ॥ १९६१ ॥ प्र. ॥ ***** पंच व पुत्तसयाई पंच य महव्ववाई ...... पंच सया चुलसीया. पंच रहते बंदति ....... ***** .... पंचहं किइकम्मं पंचण्हं पंचसया. पंचण्हं वण्णाण जो...... ***** ...... ***** ***** ॥पा. ८०॥ ।। १०२४॥ ॥भा. २४४॥ ***** ।। १६०२ ॥ ॥३४५ ॥ ..... ॥१२४९ ॥ १७८३ ॥ ॥४१९॥ ||११०८ ॥ ૩૯૧ पंचेव य सिप्पाइं घड १.... ॥२०७॥ पंच्बुप्पण्णग्गाही उज्जु०... ||७५७॥ पंथ किर देसित्ता..... ॥१४६॥ ॥१३३२ ॥ ॥१३३३॥ ॥१२८६ ॥ ॥२८२ ॥ ॥३७६॥ ॥४००॥ पंसू अ मंसरुहिरे. पंसू अच्चित्तरओ....... पइठाणे नागवसू ... पउमस्स कुमारतं. पउमाभवासुपुज्जा पठमुत्तरे ९ महाहरि १० ***** पउरन्नपाणपढमा ...... पक्कणकुले वसंतो........ पक्खेव डहणमोसहि. पगडी अण्णासुवि पच्चक्खाएण कया पंच्चक्खाणं उत्तर... ***** ***** ***** ॥ १५६४ ॥ ॥भा. २४९ ॥ ॥भा. २४८ ॥ ॥भा. १४४ ॥ ॥१५५७॥ ।।१५९५ ।। ॥१६२२॥ ॥२३७॥ पच्चक्खाणस्स फलं ॥१६२१॥ पच्चक्खाणो विउ० ..... ॥१२७८॥ पच्चक्खे दणं पच्चयणिक्खेव....... ८७९ ॥ ॥७४९॥ ॥१४४५ ॥ ॥१५६९॥ || १५७१ ॥ पच्चक्खाणं जाणइ.... पच्चक्खाणं सव्वन्नु०... पच्चक्खाणं से...... पच्चक्खाणं पच्च...... पच्चक्खाणंमि कए पच्चक्खाणमिणं. पच्चक्खाणमिणं १० ..... ***** ..... ..... ***** पज्जवकाओ पुण........ पज्जोसवणाइ .. पट्टवणओ अ दिवस..... पट्टविय बंदिए वा पडुवियॉम सिलोगे.... पडिकमणं देसिय ***.... पडिकमणं पडिक०...... पडिकमणं पडिय०..... पडिकमणे सज्झाए. ।।पा. ३४॥ ॥१११३ ॥ ॥भा. ११ ॥ ॥५७२॥ ।।१६१४ ।। ****** ॥१३८६ ॥ ॥१४०१ ।। ।। १२४८ ॥ ॥१२३२ ॥ ॥१२३४॥ ॥१२०१ ॥

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