Book Title: Ashtsahastri Part 3
Author(s): Vidyanandacharya, Gyanmati Mataji
Publisher: Digambar Jain Trilok Shodh Sansthan

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Page 2
________________ वीर ज्ञानोदय ग्रन्थमाला का पुष्प नं० १०० श्रीमद्भगवदविद्यानंदाचार्य विरचित अष्टसहस्त्री [ तृतीय भाग ] [ द्वितीय परिच्छेद से दशम परिच्छेद तक पूर्ण-कारिका २४ से ११४ तक ] स्याद्वाचितामणि-भाषा टोका सहित टीकाकों चारित्रचक्रवर्ती १०८ आचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज के प्रथम पट्टाधीश आचार्य श्री वीरसागर जी महाराज की शिष्या, सिद्धांतवारिधि, विधान-वाचस्पति, ___न्यायप्रभाकर, जम्बूद्वीप रचना की पावन प्रेरिका गणिनी आर्यिकारत्न श्री ज्ञानमती माताजी गोपी सर्व MERCOSMORDD सर्व जिनालयेश्य UIISAINTED OHIC RESEARA दगम्बर SC 5 घसंस्थान प्रकाशक : दिगम्बर जैन त्रिलोक शोध संस्थान हस्तिनापुर (मेरठ) उ० प्र० प्रथम संस्करण ११०० प्रति बैशाख कृष्णा २ वीर नि० सं० २५१६ मूल्य १००... Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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