Book Title: Ardhamagadhi kosha Part 1
Author(s): Ratnachandra Maharaj
Publisher: Motilal Banarasidas

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Page 6
________________ अर्पणपत्रिका । धर्म-धुरंधर प्रवर-पंडित पूज्यपाद श्रीगुलाषचंद्रजीस्वामी तथा तल्लघुभ्राता महाराजश्रीधीरजीस्वामी ! श्राप बन्ने सहोदरोए घणी न्हानी वयमा प्रवज्या अंगीकार करी शास्त्रामृतनो अपूर्व आस्वाद लीधो अने प्रा चरणरज सेवकने दीक्षित करी, विद्यानो मधुर रस चखाड्यो, शास्त्राभ्यासमा घणी सहाय्य पापी, म्होटो उपकार कर्यो छे; एटलुंज नही पण शासनोपयोगी साहित्यविकासना कार्यमां पण आजसुधी सहाय प्रापता रहो छो, तेथीज आ सेवक कोषनिर्माण जेषा विकटमार्गमां चालयाने समर्थ थयो छे अने तेनो पार पाम्यो छे, ते सर्व आपनी कृपाफळ छे एटला माटे पा. भारवश आ सेवक धर्मसाहित्य अने भाषा साहित्यना अंग रूप मा पुस्तक अपना चरण मां अर्पण को रत्नचंद्र. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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