Book Title: Arddhmagdhi Grammar
Author(s): P L Vaidya
Publisher: Modern Book Depot
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ARDHAMĀGADHI GRAMMAR
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अ + इ =इ if followed by a conjunct
देव + इन्द = देविन्द -अ + ई = ई-तियस + ईस = तियसीस अ + उ =ओ - सीय + उदग= सीओदग; समण + उवा
सग%समणोवासग 37 +3=J if followed by a conjunct consonant
पुरिस + उत्तम = पुरिसुत्तमः जिण्ण + उजाण -
+ + ho toho bi
+
जिण्णुजाण
अ + ऊ = ऊ-नीसास + ऊसास = नीसासूसास
अ+ ए-ए-इह + एव-इहेव • अ+ ओ=ओ-भक्ख + ओयण = भक्खोयण आ + अ = आ-महा + अवयार =महावयार आ + अ = अ if followed by a conjunct
महा + अण्णव = महण्णव आ + ई =इ - महा + इडी=महिड़ी; महा + इन्द-महिन्द आ + ई = ए - महा + ईसर=महेसर आ + उ =ओ- महा + उवयार =महोवयार आ + ए = ए-तहा + एव = तहेव आ + ओ=ओ - महा + ओसहि = महोसहि इ + इ or ई = ई - दहि + ईसर = दहीसर (दधीश्वर)
ई + इ or ई = ई - पुहवी + ईस = पुहवीस ( पृथ्वीश) (4) उ + उ or ऊ =ऊ-साउ + उयय = साऊयय (स्वादूदक)
ऊ+ उ or ऊ= ऊ-वहू + उवयार = वहुवयार (वधूपचार) (5) ए+ ए =ए - इमे + एयारूवे = इमेयारूवे, से + एवं = सेवं.
(6). No other combination of vowels within a compound allows a coalescence as वह + अवऊढ = वहुअवऊढ (वधूपगूढ).
.50. The ending vowel of the first member of a compound, if short, is optionally lengthened, and if long, is optionally shortened. Thus we have (i) सत्तावीसा (सप्तविंशति), भुआयन्त (भुजयन्त्र), अन्धारूव (अन्धरूप), पईहर (पतिगृह), परमाहम्मिय (परमधर्मिक); (ii) सिलखलिअ (शिलास्खलित), बउँणयड (यमुनातट), नइसोत्त (नदीस्रोतस्), गोरिहर (गौरीहर),

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