Book Title: Anusandhan 2008 03 SrNo 43
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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मार्च २००८
श्री पार्श्वनाथ स्तोत्रम्
कल्याणकेलिसवनाय नमो नमस्ते, श्रीमत्सरोजवदनाय नमो नमस्ते । रागारिवारकदनाय नमो नमस्ते, वज्राभिरामरदनाय नमो नमस्ते ॥ १ ॥ अम्भोधराभकरणाय नमो नमस्ते, लोकातिरिक्तिचरणाय नमो नमस्ते ।। संसारवार्द्धितरणाय नमो नमस्ते, त्रैलोक्यसारशरणाय नमो नमस्ते ॥ २ ॥ सन्निमिताहिमहनाय नमो नमस्ते, रागोरुदारुदहनाय नमो नमस्ते । विध्वस्तकृत्स्नकुहनाय नमो नमस्ते, पुण्यद्रुमालिगहनाय नमो नमस्ते ॥ ३ ॥ संसारतापशमनाय नमो नमस्ते, निर्दाक्ष्यदाक्षदमनाय नमो नमस्ते । सुव्यक्तमुक्तिगमनाय नमो नमस्ते, रूपाभिभूतकमनाय नमो नमस्ते ॥ ४ ॥ पापौघपांशुपवनाय नमो नमस्ते, सेवापरत्रिभुवनाय नमो नमस्ते । क्रोधाशुशुक्षणिवनाय नमो नमस्ते, संसृत्युदन्वदवनाय नमो नमस्ते ॥ ५ ॥ नेत्राभिमूतकमलाय नमो नमस्ते, शक्रार्चितांहियमलाय नमो नमस्ते । निर्नाशिताखिलमलाय नमो नमस्ते, पद्मोल्लसत्परिमलाय नमो नमस्ते ॥ ६ ॥
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