Book Title: Anusandhan 2005 11 SrNo 34
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 25
________________ 20 अनुसन्धान ३४ टिप्पणी : १. एकाक्षर छन्द का नाम है श्री । इसका लक्षण है - केवल गुरु - .इस छन्द का नाम श्री है । २. द्वयक्षर छन्द का नाम है स्त्री । - इसका लक्षण है - दो गुरु - ऽऽ इस छन्द का नाम गंगा है। अन्य छन्दोग्रन्थों में अत्युक्तं, नौ, स्त्री, पद्यम् और आशी नाम भी प्राप्त होते है। .. ३. यक्षर छन्द का नाम है नारी । इसका लक्षण है - ऽऽऽ इस छन्द के अन्य नाम मन्दारम्, नारी, श्यामांगी मिलता है । ४. चतुरक्षर छन्द का नाम है - सुमति । इसका लक्षण है - ।। 5, 5, सगण, गुरु । यह छन्द अप्रसिद्ध है। पञ्चाक्षर छन्द का नाम है - अभिमुखी । इसका लक्षण है - ।। ।,। 5, नगण, लघु, गुरु । यह छन्द भी अप्रसिद्ध है । ६. षडक्षर छन्द का नाम है - रमणा । इसका लक्षण है - ।। 5, ।। s, सगण, सगण । इसके अन्य नाम प्राप्त होते हैं - नलिनी, रमणी, कुमुदं । ७. सप्ताक्षर छन्द का नाम है - मधु । इसका लक्षण है - I, II, 5, नगण, नगण, गुरु । इसके अन्य नाम प्राप्त होते हैं - मधुमति, हरिविलसित, चपला, द्रुतगति, लटह । ८. अष्टाक्षर छन्द का नाम है - प्रमाणिका । इसका लक्षण है - 151, ऽ।ऽ, Is, जगण, रगण, लघु, गुरु । इसके अन्य नाम प्राप्त होते हैं - स्थिरः, मत्तचेष्टितं, बालगर्भिणी । नवाक्षर छन्द का नाम है - भद्रिका । इसका लक्षण है - SIS, II, ऽ।ऽ, रगण, नगण, रगण । १०. दशाक्षर छन्द का नाम है - ......... इसका लक्षण है - 555, 551, II, 5, मगण, तगण, नगण और गुरु । इस छन्द का नाम प्राप्त नहीं ११. एकादशाक्षर छन्द का नाम है - रोधक । इसका लक्षण है - I, ॥, 50, 55, नगण, भगण, भगण, यगण । यह छन्द भी अप्रसिद्ध Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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