Book Title: Anusandhan 2003 07 SrNo 25
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 79
________________ 74 कडी क्र. १२ १९ २६ ३३ ३४ ३५ ३७ ४१ ४२ ९७ १०० १०५ दुनी चाड चबोड वोल बाल उचावई विलाति रोजा ११९ १२१ १२२ समतिणमणि टाणुटुंणु सबाब मनय उंदाका दोही जासुमति दूक- रोस सीख नुबति नींकी १०६ उपसरइ ११० मइदा १११ दंडवरत डेकाविली महोछु उलोल Jain Education International कठिन शब्द कोश दुनिया चाडी चपाटी करनारा डोळवु (?) - विचारवं वाळ चा विलायत - विदेश उनहाका द्विधा उपवास तृण- मणिमां समदृष्टिवाळा कामण टुमणना अर्थमां स्वभाव (वस्तुस्थिति) (?); मालसामान मनाई - मर्यादा (?) दंडवत् (?) महोच्छव उल्लास (केशलोच क्रिया) अनुसंधान - २५ उनका (?) ईर्यासमिति (जैन परिभाषानो शब्द ) दुःख - रोष रजा सरस नोबतो उपाश्रये For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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