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September-2003
छे. आ ग्रन्थना प्रणेता विषे कोई निर्देश नथी. अने "वाचकग्रन्थेषु तथा धर्मरत्नमालादिषु" ए प्रकारनो निर्देश होई, 'धर्मरत्नमाला' ए हरिभद्रसूरिमहाराजे ज रचेल ग्रन्थ होवो जोईए, तेवुं अनुमान करवानुं मन रोकी सकातुं नथी. आवो ग्रन्थ जो के प्राप्त नथी. (पृ. ५२३)
आधारभूत पुस्तक :
पञ्चवस्तुक ग्रन्थ, सटीक, सानुवाद अनुवादक : आ. राजशेखरसूरि
प्रकाशक : हालारी जैन संघ, भीवंडी, वि.सं. २०४६
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