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September-2003
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खुलासो अनुसन्धान-२३ मा मुनि धुरन्धरविजय-सम्पादित “चार जिनस्तुतिओ” प्रकाशित थई छे, ते तमामनुं प्रकाशन, आ पूर्व अनुसन्धान-८मा थई गयेलुं छे.
नवू प्रकाशन श्रीदेवचन्द्रजी कृत स्तवन चोवीशी : स्वोपज्ञ टबा सह. सं. कान्तिभाई बी. शाह, प्र. श्रुतज्ञान प्रसारक सभा, अमदावाद-१४, ई. २००३.
अक विज्ञप्ति प्रो. हीरालाल रसिकलाल कापडियाना जैन संस्कृत साहित्यनो इतिहास भा. १-२-३नुं प्रकाशन थई रह्यं छे. एमां छेल्ला ४० वर्षमा प्रसिद्ध थयेला ग्रन्थोनी / प्रकाशन थनारा ग्रन्थोनी विगत नीचेना सरनामे मोकलवा विनंती छे.
To:
आ. मुनिचन्द्रसूरि श्री पावापुरी तीर्थधाम देहली कंडला हाईवे, कृष्णगंज, सिरोही - 307001 (राज.)
आवरणचित्र : सरस्वती देवीनी एक अद्भुत प्राचीन
प्रतिमा : वरमाण, राजस्थान
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