Book Title: Anusandhan 2002 03 SrNo 19
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 109
________________ 104 March-2002 २८७ سه सधइणां व्यन مه इस्युभ २९३ २ महइला कार्य مر सीवगांम्यु ه २९८८ २९९ सद्दहणा विण अशुभ महिला कारणे शिव-गामे (मोक्षे) ठकुराई-ऐश्वर्य विपरीत-अलगां पापपुर (नगर)मां अंगारा (?) रायपसेणीसूत्र २ مر ४ ठुकराई अफराटा पापपूर्मा ल्याहालो राजप्रष्णी ة مر ३०२ ३०४ ३०७ ३०७ ३०९ ३१० ३११२ ه कार्ण कारण ه ه ه ३१२ ه س ३१३ ३१५ مر ३१७ یه उंहुनुं ३१७ له चार्ण चारण अष्यर अक्षर (शास्त्रवचन) नर्षो निरखो चमरेदो मर्ण चमरेन्द्र मरण हंशा हिंसा मोहोपोत मुखवस्त्रिका उनु-गरम तार्दू अन टाढुं-ठंडं अन्न (रसोई) वइहइरावइ व्होरावे कुर्णावंत करुणावंत मुद्रा नाणुं-सिक्को वस्त वोहोरेवा वस्तु लेवा कडको कडछो, लाकडु के तेवी कोई चीज के थपाट (?) यतीयन कलपनो (स्थविर)यतिजन कल्पनो मुन्यना मुनिना ३१७ سه سه ३२१ ३२६ م ३२७ له ३२७ مه سه ३३८ ३३५ له Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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