Book Title: Anusandhan 2002 03 SrNo 19
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad
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साढसइ
रीदि
ग्यवरी
ध्यन ध्यन
सह्या
कुर्णा
अकाई
अण
लोढो
सहइजिं
कांकयु
तावडी
अग्य
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लुढइ
बरी
सहइसाकारि
पीआरा
मोष्य
पायको
उपकंठ
वार्य
'कंन
भंसा खर
विष्य
साणसा थकी
हृदयमां
गाय
धन्य धन्य
सो
करुणा
खोटी रीते/खोटुं करीने
लेणुं (?)
गोलो (मांसनो लोचो)
सहेजे
वाल ओलवानुं साधन
तडकामां
अज्ञ (?) आगळ (?)
यज्ञ
गृहिणी
पटोले
ढळे / पडे
बकरी
सहसात्कारे
पराया
मोक्ष
March-2002
-धन (?)
(जलाशयना) कांठे
वारि - पाणी
कान
पाडा गधेडा
विष - झेर
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