Book Title: Anusandhan 2002 03 SrNo 19
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 158
________________ १७ Jain Education International मधुसूदन ढांकी मुनि भुवनचंद्र मुनि भुवनचंद्र मुनि भुवनचंद्र मुनि भुवनचंद्र जयंत कोठारी अनुसंधान-१९ १६ ★ पत्र चर्चा विहंगावलोकन विहंगावलोकन - विहंगावलोकन - 'सारस्वतोल्लास' एक दृष्टिपात - सारस्वतोल्लास काव्यना कर्ता ★ प्रकाशन-वर्तमान ★ (श्री) पार्श्वनाथ गीत * प्राकृत मुक्तक कविताना एक अमूल्य ग्रंथंनी उपलब्धि : तारागण ★ पिस्तालीस आगम-पूजा २१७-२१८ २३६-२३९ २०२-२०५ १६८-१७२ २४०-२४४ २००-२०१ ११५-११६ १०२ ।। ५०-५२ मुनि जिनसेनविजय महावादीन्द्र बप्पभट्टीसूरि हरिवल्लभ भायाणी १८ १३ For Private & Personal Use Only श्री उत्तमविजयजी विजयशीलचन्द्रसूरि १५ ७६-८६ ब ★ बार भावना सज्झाय जयवंतसूरि . जयंत कोठारी वादिवेताल आचार्य विजयशीलचन्द्रसूरि श्री शान्तिसूरि १७ १५ १४२-१५९ ९४-९५ * बृहत् शान्तिस्तोत्र 153 www.jainelibrary.org

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