Book Title: Anekant 1973 Book 26 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 237
________________ विषय-सूची क विषय | वीरसेवामन्दिर का अभिनव प्रकाशन जैन लक्षणावली भाग दूसरा १. सिद्ध स्तुति २. वर्तना की सर्जना . एक अध्ययन -सन्मतकुमार जैन २१० ॥ चिर प्रतीक्षित जैन लक्षणावली (जैन पारिभाषिक ३. महावीर निर्वाण सवत् – मुनि विद्यानन्द जी २११ | शब्दकोश) का द्वितीय भाग भी छप चुका है। इसमें लगभग ४०० जैन प्रन्यों से वर्णानुक्रम के अनुसार लक्षणों का ४. स्याद्वाद . एक अध्ययन - रामजी एम. ए. २१३ संकलन किया गया है । लक्षणों के संकलन में प्रन्थकारों ५. कलिंग जिन -~श्रीठाकुर २१६ के कालक्रम को मुख्तया दी गई है। एक शब्द के अन्तर्गत ६. अनेकान्त के स्वामित्व तथा अन्य व्योरे के जितने ग्रन्थों के लक्षण संग्रहीत हैं उनमें से प्रायः एक विषय मे २१८ । । प्राचीनतम ग्रन्थ के अनुसार प्रत्येक शब्द के अन्त में ७. शील की प्रतिमूर्ति अनन्तमती हिन्दी अनुवाद भी दे दिया गया है । जहाँ विवक्षित लक्षण -श्री मिश्रीलाल जैन २१६ में कुछ भेद या होनाधिकता दिखी है वहाँ उन ग्रन्थों के ८. वीतराग की पूजा क्यो ? निर्देश के साथ २.४ ग्रन्थों के प्राश्रय से भी अनुवाद -प्राचार्य जुगलकिशोर मुख्तार २२२ किया गया है । इस भाग में केवल 'क से प' तक लक्षणों ६. दीवान रूपकिशोर जैन को सार्वजनिक का संकलन किया जा सका है। कुछ थोड़े ही समय में साहित्य सेवा -अगरचन्द नाहटा २२४ इसका तीसरा भाग भी प्रगट हो रहा है। प्रस्तुत ग्रन्थ संशोधकों के लिए तो विशेष उपयोगी है ही, १०. तत्त्व क्या है ? -प्राचार्य तुलसी २२६ साथ ही हिन्दी अनुवाद के रहने से वह सर्वसाधारण ११. जैन मतानुसार तप की व्याख्या के लिए भी उपयोगी है। द्वितीय भाग बड़े प्राकार -रिषभदास रॉका २२६ ] में ४१८++२२ पृष्ठों का है । कागज पुष्ट व १२. पुण्य तीर्थ पपौरा (खण्ड काव्य) -सुधेश २३३ | | जिल्द कपड़े को मजबूत है। मूल्य २५-०० रु० है। यह १३. खजुराहो की अद्वितीय प्रतिमाये प्रत्येक यूनीवसिटी, सार्वजनिक पुस्तकालय एवं मन्दिरों मे -शिवकुमार नामदेव २३५ | संग्रहणीय है। ऐसे ग्रन्थ बार बार नहीं छप सकते। समाप्त हो जाने पर फिर मिलना अशक्य हो जाता है। १४. जैन धर्म ससार की दृष्टि मे १५. साहित्य-समीक्षा-परमानन्द शास्त्री, प्रकाश प्राप्तिस्थान चन्द्र, बालचन्द्र सि. शास्त्री २३६ | वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, दिल्ली-६ २३७ अनेकान्त का वार्षिक मूल्य ६) रुपया एक किरण का मूल्य १ रुपया २५ पैसा अनेकान्त में प्रकाशित विचारों के लिए सम्पादक | मण्डल उत्तरदायी नहीं है। --व्यवस्थापक

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