Book Title: Anekant 1968 Book 21 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 280
________________ माधुनिक जन-युग के 'वीर' २५७ लिखकर चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' अमर हो गये।" पाप सम्पादक रह चुके हैं। इनके सम्पादकत्व में उभय'मेरी भावना' की लोकप्रियता का प्रमाण यह है कि पत्रों की ग्राहक संख्या कई गुनी हो जाना सुयोग्य सम्पाकई कारागारों में उसे निश्छल प्रेम प्राप्त है । यही कारण दकत्व का प्रतीक ही कहा जावेगा। है कि यह अग्रेजी, मराठी, कर्नाटक प्रभृति भाषाओं में अनू उनकी बहुमुखी प्रतिभा जैन साहित्य को गौरवमय बनाती रही है। यही कारण है डॉ. ज्योतिप्रसाद जी ने दित हुई है। उन्होंने साहित्य के विविध क्षेत्रों में अपनी उन्हें साहित्य का भीष्मपितामह कहा है। लगभग ७० लेखनी चलाई है। वे साहित्यकार, समाज-सुधारक तथा वर्षों तक साहित्य की प्रहनिश सेवा करने वाला सरसावा सत्साहित्य प्रणेता के रूप मे समानभाव से प्रादृत है। (जिला सहारनपुर उ० प्र०) का सन्त तथा जैन साहित्य पुरातन 'समन्तभद्राश्रम' व आधुनिक वीर सेवा का सूर्य २२-१२-६८ को अस्तगत हो गया। उन्हें निस्समन्दिर ही उनका जीवन्त स्मारक है। ६०,०००) की देह गुरुणां गुरु गोपालदास जी, पूज्य गणेशप्रसाद जी वर्णी, राशि का उक्त ट्रस्ट है । इतिहास, पुरातत्व व शोध सामग्री ब्र० शीतलप्रसाद जी, बैरिस्टर चम्पतराय जी जैन साहियुक्त 'अनेकान्त' पत्रिका के पाप जन्मदाता थे जो नव- त्यप्रचारक, पडित नाथूराम प्रेमी जैसे साधु पुरुषों की म्बर १९२६ ई० मे प्रारम्भ किया गया। यह पत्रिका श्रेणी में रखा जावेगा, जिनकी साहित्य सेवा, समाज सेवा, प्राज भी भारत की राजधानी दिल्ली से प्रकाशित होती धर्म सेवा जैनसमाज को युगयुगो तक प्रभावित करेगा है। भारत प्रसिद्ध 'जैनजगत' व 'जैन हितैषी' पत्रो के भी तथा जिनकी स्मृति अक्षुण्ण रहेगी। 'अनेकान्त' के स्वामित्व तथा अन्य व्योरे के विषय में प्रकाशक का स्थान वीर सेवा मन्दिर भवन, २१ दरियागज दिल्ली प्रकाशन की अवधि द्विमासिक मुद्रक का नाम प्रेमचन्द राष्ट्रीयता भारतीय पता २१, दरियागज, दिल्ली प्रकाशक का नाम प्रेमचन्द, मन्त्री वीर सेवा मन्दिर राष्ट्रीयता भारतीय पता २१, दरियागज, दिली सम्पादक का नाम डा० प्रा. ने. उपाध्ये एम. ए. डी लिट्, कोल्हापुर डा. प्रेम सागर, बडौत यशपाल जैन, दिल्ली परमानन्द जैन शास्त्री, दिल्ली राष्ट्रीयता भारतीय पता मार्फत वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली स्वामिनी संस्था वीर सेवा मन्दिर २१, दरियागंज, दिल्ली मैं प्रेमचन्द घोपित करता हूँ कि उपरोक्त विवरण मेरी जानकारी और विश्वास के अनुसार सही है । १७-२-६६ ह. प्रेमचन्द (प्रेमचन्द)

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