Book Title: Anekant 1968 Book 21 Ank 01 to 06
Author(s): A N Upadhye
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 307
________________ पं० चैनमुखदास जी न्यायतीर्थ का स्वर्गवास डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल जैन दर्शन एव साहित्य के प्रकान्ड विद्वान एव जैन संस्कृत कालेज के प्रधानाचार्य पंडित चैनसुखदास न्यायतीर्थ का कल दिनाक २६-१-६९ को प्रातः डेढ़ बजे स्वर्गवास हो गया । वे ७० वर्ष के थे। गत कुछ दिनो से वे अस्वस्थ चल रहे थे । तरह पंडित जी की मृत्यु के समाचार नगर में बिजली की फैल गया और सबेरा होते ही सभी वर्गों के स्त्रीपुरुष उनके निवास स्थान पर एकत्रित होने लगे को कुछ समय के लिए चौक मे रखा गया और वही पर सहस्रों नर-नारियों द्वारा उनको मन्तिम श्रद्धांजलि अर्पित की गई । ६ बजे उनकी शव यात्रा प्रारम्भ हुई। पंडित जी के पतिम दर्शनों के लिए हजारों स्त्रियां गलिया एव बाजारों की छतों पर एकत्रित हो गई और पडित जी की 'जय हो' पूज्य गुरु देव अमर रहे के नारों के मध्य सभी ने प्रश्रुपूरित नेत्रों से पुष्पाहार एव पुष्प वर्षा के साथ श्रद्धाजलि अर्पित की। शव यात्रा एक जुलूस में परि वर्तित होने के पश्चात् वह त्रिपोलिया बाजार चादपोल बाजार होती हुई श्मशान स्थल पहुंची। नागरिको की भीड़ एवं उनके दर्शनो की उत्कट अभिलाषा को देखते हुये पडित जी के पार्थिव शरीर को गाड़ी मे रखा गया मार्ग में जिसने भी पंडित जी की मृत्यु के बारे में सुना वही उनकी शव यात्रा के साथ हो गया । हजारों नर-नारियों के पोधों से पूरित नेत्रों के साथ एवं पंडित जी भ्रमर रहे के गगन भेदी नारों के मध्य उनके देह को चिता में रख दिया गया । और उनके छोटे भाई श्री कैलाशचन्द्र जी शास्त्री ने उसे अग्नि के लिए समर्पित कर दिया। सायंकाल ७ बजे महावीर भवन में श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के प्रबन्ध कारिणी कमेटी की मीटिंग हुई उसमें पंडित जी साहब को श्रद्धांजलियां अर्पित की गई। इस अवसर पर क्षेत्र की ओर से पंडित चैनसुखदास स्मृति ग्रन्थ प्रकाशन की योजना स्वीकृत की गई। रात्रि को ७|| बजे दीवानजी के मन्दिर में राजस्थान जैन सभा के तत्वावधान मे जयपुर समाज की एक आम सभा श्री प्रकाशचन्द जी कासलीवाल की अध्यता में हुई । सभा में एक स्वर से पंडित जी के अधूरे कार्यों को पूरा करने का निश्चय किया गया । तथा उनके कार्यों के अनुरूप ही उनकी स्मति में एक स्मारक निर्माण करने की योजना पर भी विभिन्न वक्ताओ ने प्रकाश डाला इसके लिए २१ सदस्यों की एक समिति का गठन किया गया तथा डा० कस्तूरचन्द जी कासलीवाल को इसका सयोजक चुना गया। सभा में नगर के प्रमुख व्यक्तियो एवं विभिन्न संस्थाओं की ओर से पंडित जी को भाव भरे शब्दों में श्रद्धाजलि अर्पित की गई। इसमें श्री महावीर जी तो क्षेत्र कमेटी की ओर से श्री ज्ञानचन्द्र सिन्दूका, श्री पदम क्षेत्र एव जैन सयुक्त कालेज के मंत्री श्री भवरलाल पुरा न्यायनीर्थ, राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष श्री केशरलाल अजमेरा, राजस्थान जैन माहित्य परिषद् के अध्यक्ष डा० कस्तूरचन्द कासलीवाल, गाधी शान्ति प्रतिष्ठान की ओर से श्री पुरणचंद पाटनी, श्रमजीवी पत्रकार संघ की ओर से श्री प्रवीणचद छावडा, दिगम्बर जैन श्रौषधालय के मश्री श्री अनूपचद न्यायतीर्थ, अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन परिषद् के राजस्थान शाखा के अध्यक्ष श्री विरधीलाल सेठी, राजस्थान शिक्षासंघ के अध्यक्ष श्री माणिक्यचद जैन, भारत जैन महामंडल की राजस्थान शाखा के मंत्री डा० ताराचन्द्र वख्शी, श्वेताम्बर जैन समाज एवं अणुव्रत समिति की ओर से श्री पन्नालाल बांठियां, मुल्तान जैन समाज की ओर से भी नियापतराय, श्वेताम्बर जैन नव युवक मंडल के अध्यक्ष श्री तिलकराज, श्री महावीर दिगम्बर जैन हायर सेकेन्ड्री स्कूल के प्रधानाध्यापक श्री तेजकरण डांडिया, बड़े दीवान जी के मन्दिर की शाखा सभा की ओर से श्री भंवरलाल पोल्याका, जैन (शेष पृष्ठ २८८ पर)

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