Book Title: Agam 45 Anuyogdwar Sutra Hindi Anuwad
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

View full book text
Previous | Next

Page 47
________________ आगम सूत्र ४५, चूलिकासूत्र - २, 'अनुयोगद्वार' गर्भव्युत्क्रान्तिक जलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट स्थिति अन्तमुहूर्त्त कम पूर्वकोटिवर्ष की है । चतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की स्थिति कितने काल की है ? सामान्य रूप में जघन्य स्थिति अन्त-र्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट तीन पल्योपम हैं । संमूर्च्छिमचतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट स्थिति ८४००० वर्ष की है । अपर्याप्तक संमूर्च्छिम चतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त प्रमाण जानना | पर्याप्तक संमूर्च्छिमचतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त हीन ८४००० वर्ष जानना । गर्भव्युत्क्रान्तिक-चतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट तीन पल्योपम की है । अपर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिकचतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रि यतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की होती है । पर्याप्तक गर्भजचतुष्पदस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंच-योनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट हीन तीन पल्योपम की जानना । उरपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट करोड़ पूर्व वर्ष की है । संमूर्च्छिमउरपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक जीवों की स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट स्थिति ५३००० वर्ष है । अपर्याप्तक संमूर्च्छिमउरपरिसर्प-स्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य तथा उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है। पर्याप्तक संमूर्च्छिमउरपरिसर्पस्थलचर-पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त न्यून ५३००० वर्ष है । तथा गर्भज-उरपरिसर्पस्थलचर पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट कोटि पूर्व वर्ष की है । अपर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिकउरपरिसर्पस्थलचर० की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है । पर्याप्तक गर्भजउरपरिसर्प स्थलचर० की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त न्यून पूर्वकोटि वर्ष की है । भुजपरिसर्पस्थलचर पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट करोड़ पूर्व वर्ष की है । संमूर्च्छिम भुजपरिसर्पस्थलचर० की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट ४२००० वर्ष है । अपर्याप्तक संमूर्च्छिमभुज परिसर्पस्थलचर० की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति भी अन्तर्मुहूर्त्त की जानना | पर्याप्त संमूर्च्छिमभुजपरिसर्प स्थलचर० की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त न्यून ४२००० वर्ष की है । गर्भव्युत्क्रान्तिकभुजपरिसर्पस्थलचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की औधिक जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट करोड़ पूर्व वर्ष की है । अपर्याप्तक गर्भव्युत्क्रान्तिकभूजपरिसर्पस्थलचर० की जघन्य और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है । पर्याप्तक गर्भजभुजपरिसर्पस्थलचर० की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त न्यून करोड़ पूर्व वर्ष प्रमाण है । खेचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की स्थिति कितने काल की है ? गौतम ! सामान्य से खेचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट पल्योपम के असंख्यातवें भाग प्रमाण होती है । संमूर्च्छिम खेचरपंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक की औधिक स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट ७२००० वर्ष की है । अपर्याप्तक संमूर्च्छिम खेचरपंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक जीवों की स्थिति जघन्य और उत्कृष्ट से भी अन्तर्मुहूर्त्त है । पर्याप्तक संमूर्च्छिम खेचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त न्यून ७२००० वर्ष की जानना । सामान्य रूप में गर्भव्युत्क्रान्तिकखेचरपंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की है और उत्कृष्ट पल्योपम के असंख्यातवें भाग प्रमाण है । अपर्याप्तक गर्भज खेचर० जघन्य और उत्कृष्ट भी अन्तर्मुहूर्त्त की है । पर्याप्तक गर्भजखेचर० जीवों की जघन्य स्थिति अन्तर्मुहूर्त्त की और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त न्यून पल्योपम के असंख्यातवें भाग प्रमाण होती है। पूर्वोक्त कथन की संग्रहणी गाथायें इस प्रकार हैं दीपरत्नसागर कृत् " (अनुयोगद्वार) आगमसूत्र - हिन्दी अनुवाद" Page 47

Loading...

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67