Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra Part 02
Author(s): Jaykirtisuri
Publisher: Bhadrankar Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 341
________________ ५७/ ५७ ६२६ श्रीउत्तराध्ययनदीपिकाटीका-२ चण्डप्रद्योत [ राजन्] २७२, २८१ | जह्न [सगरपुत्र] २६१, २६२ चण्डरुद्र [आचार्य] ८ जनुकुमार चनकपुर [ नगर] जाह्नवी [ गङ्गा] २६२ चन्द्रगुप्त [ राजन्] जितशत्रु [ राजन्] २९, ३१, ४०, ४४, ५८, चन्द्र । [युवराजपुत्र] १२९, १३०, ७२, ७७, ११९, २००, २६९, २७३ चन्द्रयशा जृम्भक [ देव] १५३ चन्द्रानन [ शाश्वतजिनप्रतिमा ] ज्येष्ठ [ मास] ३९२ चन्द्रावतंसक [राट] १९५ | ज्वलनप्रभ [ व्यन्तरेन्द्र ] २६१ चम्पा [ नगरी] २९, ३४, ४५, ६१, १५१, | ज्वाला [ देवी] २६४, २६५ २६५, २७१, २८१, ३२९, ३३० चाणक्य [ मन्त्रिन्] ढङ्क[ कुम्भकार] चारुदत्त [पिता] १९७ | ढण्ढण [ राजकुमार-मुनि] ४२, ४३ चित्र [ चण्डालेश- १९५, १९६, १९७, | ढण्ढणा [ हरिभार्या ] मुनि-जनक] २०१, २०२, २०३, २०९, २११, २१२ | तगरा [ पुरी] २८, ३१ चित्रसेनक [पिता] १९८ | तापस [ श्रेष्ठिन्] चुलनी [ राज्ञी] १९६, १९७, २०१ तिन्दुक [ उद्यान] ६०,१७९, २४८ चेटक [नृप] २६९, २७६ | तिष्यगुप्त [वसुशिष्य] ६१ चेटकराज [ नृप] तीरप्रभास [ जलाशये] तुङ्गिक [शृङ्ग] ४१ जनमेजय [नृप] २६५, २६६ | तोरणपुर [ नगर] २७४ जमालि [ मुनि-निह्नव] ६०, ६१, ६७ | तोसलिपुत्र [ आचार्य ] ३० जमाली [वीरजामात] | त्रिविक्रम [विष्णु] २६७ जम्बू[ द्वीप-वृक्ष- २२, ६२, ६५, १३१, सुधर्मशिष्य] १७५, २३६ दण्ड [रत्न] २६१, २६२ जय [चक्रिन्] २६७ दण्डक [अरण्य] जयकीर्ति [ सूरीश्वर] दत्त [ वणिक्-शिष्य-हरि] २८, ३६, २८२ जयघोष [ विप्र-मुनि] ३७६, ३७७, दधिवाहन [ नृप] २६९, २७०, २७१ ३७८, ३८७ दन्तपुर [ विषय] २६९ जयचन्द्रा [श्रीकान्तापुत्री] २६५ दन्तवक्र [ राट्] २६९ जयन्ती [ देवी] २८२ | दर्शन [ ] १९७ जयसेन [ नृप] १३१ दशपुर [ नगर] ३०,६३ ६२ ६०२ Jain Education International 2010_02 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370