Book Title: Agam 43 Mool 04 Uttaradhyayan Sutra Part 02
Author(s): Jaykirtisuri
Publisher: Bhadrankar Prakashan
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२७३
७२
३
२८५
श्रीउत्तराध्ययनदीपिकाटीका-२ पद्मोत्तर [ राजन्] २६४ | प्रद्युम्नसेन [ पिता]
१९८ पन्थकनाम [ पिता]
प्रद्योत [ नृप]
२८१ परासुर [ विप्र]
४२ प्रभावती [ राज्ञी-देव] २७६, २७९, २८० पाटलीपुत्र [ नगर] ३४, ३५ प्रसेनजित् [ नृप]
११९ पाडल [ तालाचर]
५१ प्रहासा [ व्यन्तरी] २७६, २७७, २७८ पाण्डुमथुरा [ नगरी]
६५
प्रियदर्शना [ वीरपुत्री] पाण्डुरवर्धन [ पुर] पार्श्व [तीर्थकर] ३४९,३५०,
फलहीमल्ल [ मल्ल] पार्श्वनाथ |
३५२, ३५४
फल्गुरक्षित [पुरोहितपुत्र-श्रमण] ३० पालक [पुरोधस्]
४०, ४१ फाल्गुन [ मास]
३९१ पालित [सार्थवाह]
३२९, ३३० पिङ्गला [ कन्या ]
१९७
बल [हरिकेशाधिप] पिठर [ यशोमतीभर्तृ]
१७८, १७९ १५१ बलदेव [ राजपुत्र]
४२ पिहुण्ड[ नगर]
बलभद्र [ नृप-राम-चौर] ४१, ६२, १२०, पुट्टशाला [शाला] पुण्डरीक [ अध्ययन-महापद्मपुत्र ] १५२, १५३
बलश्री [ नृप-बलभद्रपुत्र ] ६२, २८५ पुण्डरीकिणी [ नगरी]
बहुल [ पक्ष]
३९१ पुरन्दरयशा [स्कन्दकभगिनी]
बेन्नातट [ नगर]
७९, ८० पुरुषपुर [ नगर]
२७४
बोटिक [ दृष्टि] पुष्कलावती [ विजय] १३१, १५२
ब्रह्म [ नृप]
१९६, २८२ पुष्पमाला [ राज्ञी]
१३१
ब्रह्मदत्त [ ब्रह्मपुत्र-चक्रिन्] ५६, १९६, १९७, पुष्प [राज्ञी-रक्षितशिष्य] ६४, १३१
२००, २०१, २०५, २११ पुष्पमित्र |
ब्रह्मलोक [ देवलोक]
१३० पुष्पशिख [ चक्रिपुत्र ]
ब्रह्मस्थल [ नगर]
१९९ पुष्पोत्तर[ विमान] १३३, २७४, २७६
ब्रह्मा [ ]
२७९ पुस्ती [ कन्या] पूर्वविदेह [ क्षेत्र]
भगीरथ [ जनुपुत्र ]
२६२ पृष्ठिचम्पा [ नगरी]
१५१ भद्र [ राजकुमार-ऋषि]
४४ पोत [पिता]
भद्रक [ कुम्भकार]
२६२ पोलास [ उद्यान] ६२ भद्रपुर [ नगर]
२०० पौष [ मास]
३९१ भद्रबाहु [ आचार्य] प्रज्ञप्ती [ विद्या]
१३१, २७४ | भद्रा [ चित्रसेनसुता-देवी] १९८, २६३
१५२
१३१
१९७
१३१
१९७
२७
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