Book Title: Agam 29 Mool 02 Dasvaikalik Sutra Dasaveyaliyam Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
View full book text
________________
दसवेआलियं (दशवकालिक)
पृष्ठ
टिप्पणी संख्या
पृष्ठ
टिप्पणी संख्या
संख्या
संख्या
४५६
२१
५२६
४६४
४८
५२६
४८५
४७२
४६१
३४७ ४१४ २५४
३५४
१४५ २१४ २०
४६६
१२४
४३१
३२२
१२०
પૂર્વ
१५७ ३१३ १६४
४२१
१४२
6 UK
४५६
५२७
४६५
MY W urd
X
२५४
४५८
आधारभूत शब्दादि अदीणवित्ति (।३।१०) अधम्मो (चू०१।श्लो०१३) अनियाणे (१०।१३) अनिलेण (१०१३) अन्नं (७।४) अन्नट्ठ-पगडं (८।५१) अन्नट्ठ-पउत्तं (५।१।६७) अन्नत्थ (३।४६) अन्नत्थ सत्थपरिणएणं (४सू०४) अन्नयरंसि वा तहप्पगारे उवगरणजाए (४।सू०२३) अन्नयरामवि (६।१८) अन्नाणी किं काही (४।१०) अन्नायउञ्छ (6।३।४) 3 (चू०२।५) अन्नायउञ्छं पुलनिप्पुलाए (१०।१६) अपरिसाडयं (५।१४९६) अपिसुणे (३।३।१०) अपुच्छिओ न भासेज्जा (८।४६) अप्पं पि बहु फासुयं (५।१।६६) अप्पं ... ''बहु (६।१३) अप्पं वा बहु वा (४।सू०१३) अप्पणा नावपंगुरे (५११।१८) अप्पणो वा कार्य बाहिरं वा
वि पुग्गलं (४।सू०२१) अप्पतेयं (चू०१।श्लो०१२) अप्पभासी (८।२६) अप्परए (8।४७) अप्पहिठे (५:१०१३) अप्पा खलु सययं रक्खियब्वो
(चू०२।१६) अप्पारणं (६।६७) अप्पाणं वोसिरामि (४सू०१०) अप्पिच्छया (६।३।५) अप्पिच्छे (८।२५) अप्पोवही (चू०२१५) अबोहियं (६।५६) अब्भपुड,बगमे (८।६३)
२१३
२० १२५ २३०
आधारभूत शब्दादि अभिक्खणं काउस्सग्गकारी
(चू०२१७) अभिक्खणं निविगई गया (चू०२१७) अभिगम (६।४।६) अभिगमकुसले (६।३।१५) अभिगिज्झ (७.१७) अभिरामयंति (६।४:सू०३) अभिहडाणि (३२) अभूइभावो (६।१।१) अभोज्जाइं (६।४६) अमज्जमंसासि (चू०२१७) अममे (८.६३) अमुच्छिओ (५।१।१) अमूढे (१०७) अमोहदं सिणो (६।६७) अयंपिरो (८।२३) अयतनापूर्वक चलनेवाला...
(४श्लो०१ से६) अयसो (चू०१॥श्लो०१३) अयावयट्ठा (५।२।२) अरई (८।२७) अरसं (५।११६८) अलं परेसिं (८।६१) अलायं (४ सू०२०) अलोल (१०।१७) अलोलुए (६।३।१०) अल्लीणगुत्तो (८।४४) अवि (८।५५) . (।२।१८) अविहेडए (१०।१०) अव्वक्खित्तेण चेयसा (५।१।२) अव्वहिरो (८।२७) असंकिलिजेंहिं (चू०२।६) असंजमकरि नच्चा (५।१।२६) असंबद्ध (८।२४) असंभंतो (५।१।१) असंसत्तं पलोएज्जा (५।१।२३) असं विभागी (६।२।२२)
४०६
२५८
५१६ २७४
XMMMM WWWWWXW Wxxc0WGG
. NROMG G M
३१०
२१
१४२
२५६
२१६
४२०
१०८
9 s
२५
१५५ ५१५ ३६८ ४७३ २०६
<
४६१
३६७
१०४ ४०
Www WWmm
४५७ ३६५
३६४
५२७
१६
१६६
३२५
२२० ४४८
४२१
Jain Education Intemational
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 585 586 587 588 589 590 591 592 593 594 595 596 597 598 599 600 601 602 603 604 605 606 607 608 609 610 611 612 613 614 615 616 617 618 619 620 621 622 623 624 625 626 627 628 629 630 631 632