Book Title: Agam 25 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 192
________________ जो खलु निगंथो वा निग्गंथी वा सागारियपिंडं बहिया नीहड़ असंस संस करे, करें वा साइज्जर से दुहओ वीइक्कममाणे आवज्जइ चाउम्मासियं परिहाराणं अणुग्धायं ॥ १६॥ सागारयस्स आहडिया सागारिएण पडिग्गहिया तम्हा डिग्गाहिए ||१७|| सागारियस्स आहडिया सागारिएण दाव एवं से कप्प पडग्गाहित्तए || १८ || सागारियस नीहडिया परेण अप्पडिग्गहिया तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिमात्तिए । सागारियस नीहडिया परेण पडिग्गहिया तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गाहित्तए || १९ ॥ दावए नो से कप्पइ अप्पडिग्गहिया तहा सागारिस सियाओ अविभत्ताओ अव्वोच्छिन्नाओ अव्बोगडाओ अणिज्जूढाओ तम्हा दाव नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए || सागारियस्त अंसियाओ विभताओ वोच्छिन्नाओ वोगडाओ णिज्जूढाओ तम्हा दावए एवं से कप्पइ पडिग्गा - हित्तए ॥ २० ॥ सागारियस प्याभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए, सागारियस्स उवगरणजाए निहिर निसि पाडिहारिए, तं सागारिओ देज्जा, सागारियस्स परिजनो वा देज्जा तम्हा दावए नो से कप्पड़ पडिग्गाहित्तए ॥ २१ ॥ सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए सागारियस उवगरणजाए निट्टिए निसि पाडिहारिए तं नो सागारिओ देज्जा, नो सागारियस्स परिजणो वा देज्जा सागारियस या देज्जा तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए ||२२|| सागारियस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए सागारियस्स उवगरणजाए fafe fafe curfeहारिए तं सागारिओ देइ सागारियपरिजणो वा देइ तम्हा दावए नो से कप्पइ पडिग्गाहित्तए ||२३|| सागारयस्स पूयाभत्ते उद्देसिए चेइए पाहुडियाए सागारियस्स उवगणजाए निट्ठिए निसि अपाडिहारिए तं नो सागारिओ देइ, नो सागारियस्स परिजणो वा देइ, सागारिFस पूया देइ तम्हा दावए एवं से कप्पइ पहिग्गाहित्तए || २४॥ sure निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाई पंच वत्थाई धारितए वा परिहरितए वा तं जहा - जंगिए भंगिए साणए पोत्तर तिरीडपट्टे नामं पंचमे ॥ २५ ॥ कप्पर निम्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाई पंच रयहरणाई धारितए वा परिहरितए वा, तंजा - उणिए, उहिए, साणए, बच्चाचिप्पए, मुंजचिप्पए नामं पंचमे ॥ २६ ॥ ॥ बीओ उद्देसो समत्तो ॥२॥

Loading...

Page Navigation
1 ... 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208 209 210