Book Title: Agam 25 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 198
________________ आयरियं वा जाब गणावच्छेयगं वा अण्णं गणं उबसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, ते य से वियरेज्जा एवं से कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, ते य से नो वियरेज्जा एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं उवसंपज्जित्ता ण विहरित्तए ॥२२॥ भिक्खू य गणाओ अवकम्म इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावछेयगं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेयगं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विह रित्तए, ते य से वियरेज्जा एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, ते य से नो वियरेज्जा एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जिता गं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा, एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं नो लभेज्जा एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उबसंपज्जित्ता ण विहरित्तए ॥२३॥ गणावच्छेयए य गणाओ अवक्फम्म इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए णो से कप्पइ गणावच्छेयत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, कप्पइ से गणावच्छेयत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेयगं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेयगं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उपसंपज्जित्ता णं विह रित्तए, ते य से वियरेज्जा एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जिता णं विहरित्तए, ते य से नो वियरेज्जा एवं से नो कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं लभेज्जा एवं से कप्पइ अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, जत्थुत्तरियं धम्मविणयं नो लभेज्जा एवं से नो कप्पइ अण्ण गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए।२४। __ आयरियउवज्झाए य गणाओ अवक्कम्म इच्छेज्जा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए णो से कप्पइ आयरियउवज्झायत्तं अणिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए, उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, कप्पइ से आयरियउवज्झायत्तं णिक्खिवित्ता अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, नो से कप्पइ अणापुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेयगं वा अण्णं गणं संभोगपडियाए उवसंपज्जित्ता णं विहरित्तए, कप्पइ से आपुच्छित्ता आयरियं वा जाव गणावच्छेयगं बा अण्णं गणं संभोगपडियाए

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