Book Title: Agam 25 Chhed 02 Bruhatkalpa Sutra Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
View full book text ________________
१९
नो sure निगंथीए एगाणियाए बहिया वियारभूमिं वा विहारभूमिं वा निक्खमित्त वा पविसित्तए वा ॥ १७॥
नो कप्पइ निग्गंथीए एगाणियाए गामाणुगामं दूइज्जित्तए वा वासावासं वा वत्थए ||१८||
नो aus निगंथीए अचेलियाए होत ॥ १९ ॥
नो कपs निग्गंथीए अपाइयाए होतए ॥ २०॥
नो कप्पर निम्गंथीए वोसकाइयाए होतए ॥ २१ ॥
नो कप निथीए बहिया गामस्स वा नगरस्त वा खेडस्स वा कब्बडस्स वा पट्टणस्स वा मबस वा आगरस्स वा दोणमुहस्स वा आसमस्स वा सण्णिवेसस्स वाउ बाहाओ पगिज्झिय पगिज्झिय सूराभिमुहीए एगपाइयाए ठिच्चा आयावore आयात्तिए, कप्पर से उवस्सयस्स अंतो वगडाए संघाडिपडिबद्धाए पलंबियना - हियाए समतलपाइयाए ठिच्चा आयावणाए आयावित्तर ||२२||
नो कप निरथी ठाणायइयाए होत्तए ||२३|| नो कपइ निग्गंथीए पडिमछाइया होत् ॥ ० २४ ॥ नो कप्पइ निग्गंथीए सिज्जियार होत्तए । ० २५ ।। नो कपड़ निग्गंथीe उक्कुडुगासणियाए ( ठाणुक्कुडियाए ) होत्तए । सू० २६ ॥ नो कप्पs निग्गंथीए वीरासणियार होत्तए । ० २७ ॥ नो कप्पइ निग्गंथीए दंडासणिया हो । ०२८ ॥ नो कप्पइ निग्गंथीए लगंडासणियाए होत्तए । सू० २९ ॥ नो कपइ निग्गंथीए एगपासियाए होत्तए । सू० ३० ॥ नो कप्पर निग्गंथीए उत्ताणासणिया होत्तए || सू० ३१ ॥ नो कप्पइ निग्गंथीए ओमंथिया होत्तए ||सू० ३२ || नो कपs निग्गंथीए अंबखुज्जियाए होत्तए । सू० ३३ ॥
नो कप निग्गंथी आकुंचणपट्टगं धारितए वा परिहरितए वा ॥ ३४ ॥
atus निग्गंथाणं आकुंचणपट्टगं धारितए वा परिहरिसए वा ।। ३५ ।। नो कप निम्गंथीणं सावस्सयंसि आसणंसि चिट्ठित्तए वा निसीहत्तए वा ॥ ३६ ॥
Loading... Page Navigation 1 ... 202 203 204 205 206 207 208 209 210