________________ ॐ अहं जिनागम-प्रन्यमाला : ग्रन्थांक-३० [परम श्रद्धय गुरुदेव पूज्य श्री जोरावरमलजी महाराज की पुण्यस्मृति में आयोजित] श्रुतस्थविरप्रणीत-उपाङ्गसूत्र जीवाजीवाभिगमसूत्र [प्रथम खण्ड [मूलपाठ, प्रस्तावना, अर्थ, विवेचन तथा परिशिष्ट आदि युक्त] सन्निधि / उपप्रवर्तक शासनसेवी स्व० स्वामी श्री ब्रजलालजी महाराज प्राद्य संयोजक तथा प्रधान सम्पादक / (स्व०) युवाचार्य श्री मिश्रीमलजी महाराज 'मधुकर' सम्पादक - श्री राजेन्द्रमुनिजी, एम. ए., साहित्यमहोपाध्याय मुख्य सम्पादक - पं. शोभाचन्द्र भारिल्ल प्रकाशक श्री आगमप्रकाशन समिति, ग्यावर (राजस्थान) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org