Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Antgaddasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 86
________________ छट्टो वग्गो-तइयं अज्झयणं (मोग्गरपाणी) ५७६ ६. वारत्त १०. सुदंसण ११. पुण्णभद्द तह १२. सुमणभद्द १३. सुपइटे । १४. मेहे १५. ऽतिमुत्त १६. अलक्के, अज्झयणाणं तु सोलसयं ॥२॥ ३. जइ णं भंते ! समणेणं भगवया महावीरेणं अट्ठमस्स अंगस्स अंतगडदसाणं छट्ठस्स वग्गस्स सोलस अज्झयणा पण्णत्ता, पढमस्स णं भंते ! अज्झयणस्स अंतगडदसाणं के अटे पण्णत्ते ? मकाइ-किकम-पदं ४. एवं खलु जंबू ! तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे । गुणसिलए चेइए । सेणिए राया ॥ ५. तत्थ णं मकाई नाम गाहावई परिवसइ -अड्ढे जाव' अपरिभूए । ६. तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे आदिकरे गुणसिलए जाव' संजमेणं तवसा अप्पाणं भावेमाणे विहरइ । परिसा निग्गया। ७. तए णं से मकाई गाहावई इमीसे कहाए लट्ठ जहा पण्णत्तीए गंगदत्ते' तहेव इमो वि जेट्टपुत्तं कुटुंबे ठवेत्ता पुरिससहरसवाहिणीए सीयाए निक्खते जाव अणगारे जाए -इरियासमिए । ८. तए णं से मकाई अणगारे समणस्स भगवो महावी रस्स तहारूवाणं थेराणं अंतिए समाइयमाइयाइं एक्कारस अंगाई अहिज्जइ। सेसं जहा खंदगस्स' गुणरयणं तवोकम्मं । सोल सवासाइं परियायो । तहेव विउले सिद्धे ।। किकमे वि एवं चेव जाव विउले सिद्धे। तइयं अज्झयणं मोग्गरपाणी प्रज्जुण-मालागार-पदं १०. तेणं कालेणं तेणं समएणं रायगिहे नयरे । गुणसिलए चेइए। सेणिए राया । चेल्लणा देवी।। ११. तत्थ णं रायगिहे नयरे अज्जुणए नाम मालागारे परिवसइ-अड्ढे जाव' अपरिभूए॥ १२. तस्स णं अज्जुणयस्स मालायारस्स बंधुमई नामं भारिया होत्था-सूमाल पाणिपाया । १३. तस्स णं अज्जुणयस्स मालायारस्स रायगिहस्स नय रस्स बहिया, एत्थ णं १. ना० १११७1 ५. पू०--ना० १११३५-३७ । २. ना० १२०६४ ६. भ० २।५७.६६ । ३. भ० १६।६८-७१ । ७. अं० ६१४-८। ४. ना० १५२६-३५ । ८. ना० ११५७। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168