Book Title: Agam 08 Ang 08 Antkrutdashang Sutra Antgaddasao Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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आहेवच्चं जाव विहरइ
आहेवच्च जाव विहरs आहेवच्च जाव विहरसि इट्ठा जाव मणामा इट्ठा तं चैव
वाहिं जाव आसाइ
इट्टाहि जाव एवं
जाहि इट्ठाहिं जाव समासासेइ
इट्ठे जाव से गं
ईसर जाव नीहरणं
ईसर जाव पभितीणं ईहामिय जाव भत्तिचित्तं उक्किट्ठे जाव समुद्दरवभूयं उक्किट्ठाए जाव देवगईए afrage जाए विज्जाहरगईए उक्कट्ठाe tफ कुम्माईए
उक्खेवओ तइयवग्गस्स
उक्खेवओ पढमज्झयणस्स
उज्जलंजाव दुरहियासं उज्जला जाव दाहवक्कंतीए उज्जला जाव दुरहियासा
उज्जाणे जाव विहरइ
इड्ढी जाव परक्कमे
इमे वे जाव समुपज्जित्या इरियासमियाओ जाव गुत्तबंभचारिणीओ १ । १४४०
इहमागए जाव विहरइ
१।५।५३
१। १४ । ५६
११७१६
११११८६; १८१४६
१११८४०
उत्तरपुरत्थि मे दिसीभाए तिदंडयं जाव
धाउरताओ
उत्तरिज्जेहि जाव चिट्ठामो
उत्तरिज्जेहिं जाव परम्मुहा
उदगपरिफोसिया जाव भिसियाए
उप्पलाई जाव सहस्सपत्ताई उम्मुक्कबालभावा जाव उक्किट्ठसरीरा उम्मुक्कबालभावा जाव रूवेण
१।३३८
१।१८।२०
१।१।१५७
१।१६।७०
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१।१६:४८
१।१६ । १३१
१८२०३
१८६७
१११।५०
११५ २०
१८६१७६६१।१६।२६५
११७।६२।१।१२
१।१६।२०४,२०६
१।१६।१६०
१।४।२१
२।३।१
२५/३
१।१।१६३
१।१।१८७
१/५/१०६१।१६।२०;१११६/४५
१।१६।३२१
१५८०
१८१७६
११८/१७८
१८१५१
१।२।१४
१।१६।१२८
१|८|३८;१।१६।३७
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१।१।११८
११५४६
११५५६
१११:४६
१११६/४७
१११।४६
११११४६
११११४८
११११४६
१|१|१४५
उवा० २१४०
१।११४८
१।१।१६४
१|१|६७ ११५१५२
१।५।६; १।२।३४
११५५६
११११२५
११८६७
राय० सू० १०
१।४।२१
वृत्ति
२२१
२/२/३
१।१।१६२
१११।१६२
१।१।१६२
१।१६।३१६
भ० २।५२:१।५।५२
१८१७७
१/८/१७७
१८१४१
राय० सू० ६७ १।१६।३७
वि० ११४ ३६
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