Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 1078
________________ चौतीसइमं सतं (पढमो उद्देसो) १०१७ २६. उववाए यवो जाव सुहुमवणस्सइकाइओ पज्जत्तो सुहुमवणस्सइकाइएसु पज्जत्तएसु चेव ! सव्वेसिं दुसमइयो तिसमइयो चउसमइनो विग्गहो भाणियव्वो।। अपज्जत्तासुहमपुढविकाइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते अपज्जत्तासहमपढविकाइयत्ता उववज्जितए. से णं भंते ! कइसमइएणं विम्गदेणं उववज्जेज्जा? गोयमा ! एगसमइएण वा दुसमइएण वा तिसमइएण वा चउसमइएण वा विगहेणं उववज्जेज्जा ।। ३०. से केणट्रेणं ? एवं जहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया परस्थिमिल्ले चेव चरिमंते उववाइया तहेव पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहया पच्चत्थिमिल्ले चरिमंते उववाएयव्वा सव्वे ।। ३१. अपज्जत्तासुहमपुढविक्काइए णं भंते ! लोगस्स पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स उत्तरिल्ले चरिमते अपज्जत्तासुहमपुढविकाइयताए उववज्जित्तए, से णं भते? ० एवं जहा पुरथिमिल्ले चरिमंते समोहयो' दाहिणिल्ले चरिमते उववाइनो तहा पुरथिमिल्ले समोहयो उत्तरिल्ले चरिमंते उववाएयव्यो ।। अपज्जत्तासुहमपुढविक्काइए णं भंते ! लोगस्स दाहिणिल्ले चरिमंते समोहए, समोहणित्ता जे भविए लोगस्स दाहिणिल्ल चव चरिमते अपज्जत्तासुहमपढविकाइयत्ताए उववज्जित्तए ? एवं जहा पुरथिमिल्ले समोहयग्रो पुरथिमिल्ले चेव उववाइनो तहेव दाहिणिल्ले समोहए दाहिणिल्ले चेव उववाएयव्वो, तहेव निरवसेसं जाव सुहमवणस्सइकाइयो पज्जत्तो सुहुमवणस्सइकाइएसु चेव पज्जत्तएसु दाहिणिल्ले चरिमंते उववाइओ, एवं दाहिणिल्ले समोहयो पच्चथिमिल्ले चरिमंते उववाएयव्यो, नवरं-दुसमइय-तिसमइय-च उसमइयविग्गहो, सेसं तहेव । एवं दाहिणिल्ले समोहयो उत्तरिल्ले चरिमंते उववाएयव्वो जहेव सट्टाणे तहेव । एगसमइय-दुसमइय-तिसमइय-च उसमइयविग्गहो। पुरथिमिल्ले जहा पच्चत्थिमिल्ले, तहेव दुसमइय-तिसमइय-चउसमइयविग्गहो। पच्चत्थिमिल्ले चरिमते समोहयाणं पच्चथिमिल्ले चेव उववज्जमाणाणं जहा सट्टाणे । उत्तरिल्ले उववज्जमाणाणं एगसमइयो विगहो नत्थि, सेसं तहेव । पुरथिमिल्ले जहा सट्टाणे, दाहिणिल्ले एगसमइयो विग्गहो नत्थि, सेसं तं चेव । उत्तरिल्ले समोहयाणं उत्तरिल्ले चेव उववज्जमाणाणं जहा सट्ठाणे । उत्तरिल्ले समोहयाणं पुरथिमिल्ले उववज्जमाणाणं एवं चेव, नवरं---एगसमइओ विग्गहो नस्थि । ३२. १. समोहताओ (अ, क, ब) समोहतो (स)। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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