Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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६१४
पओप्पए धम्मघोसे नाम अणगारे सेसं तं चेव जाव सो वि तहेव
११११६४-१६६
६।१५८ कंते जाव किमंग
६१२१०,१३।११०
६१६६ कंदजीवकुडा जाव बीया
७१६४
ठा० १०११५५ कडच्छुयं जाव भंडगं
१११६३,७२
११:५६ कडे जाव जे
१८१८०,८१
७१६० कडे जाव निसि?
५३३७१
१६३७१ कडे जाव सम्वेणं
१।११६ कणग जाए संतसार
६।१७५,११११५६
३।३३ कण्हलेस्सा जाव तेउलेस्सा
१६३१२६,१७१८३
१।१०२ कण्हलेस्साणं जाव विसेसाहिया
१७१८४
१७१८३,१११०२ कण्हसुत्तगं जाव सुक्किल
१६।९५
६.३६ कतिवण्णे जाव कतिफासे
२।१२६
२।१२५ कप्पे जाव उववणे
हा२४३
६२४३ कम्माई जाव महा०
६४ कम्मा जाव कज्जति
७१२२५
७।२२४, कम्मा जाव पओग०
८।४२३,४२६-४३२
८४२० कम्मा जाव बंधे
८.४२२
८४२० कम्मे जाव सुहे
७१६०
७।१६० कय जाव गहिय०
हा२०२
६.२०१ कय जाव पायच्छित्ते
११।११६
२।९७ कय जाव सरीरा
११।१४०
२०६७ कयवलिकम्मे जाव विभूसिए
६।२०५
७.१७६ कयबलिकम्मे जाव सरीरे
६।१८६
२०६७ कयरे जाव विसेसाहिए वा
११११६
१११०८ कयरेहितो जाव अप्पाबहुगं जहा तेयगस्स ८४३७
८४१८ कयरेहितो जाव विसेसाहिया ५।१८१,२०६६।५२,७१३६,४६,१४५;
८८४,२१२-२१४,३८५,४०४,४११,४१८ ४४७,६४१०१,१०६,११३,११८,११६ १११११३:१२।१६,१००,१६७,१६८,२०५; १३१६११६११२७१६।२४;२०१८,१०३, १०४,१०६-१११,१३२,२५॥३,७,३६,१६३, १६४,१६७,२०६-२११,२३६-२३६,२४६, ३६२,४५१,४८८,४६६,५५०
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