Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Bhagvai Terapanth
Author(s): Tulsi Acharya, Nathmalmuni
Publisher: Jain Vishva Bharati
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पणतीसइमं सतं
६२. एवं नीललेस्स भवसिद्धियएगिदियएहि वि सतं ।। ६३. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ।। ६४. एवं काउलेस्सभवसिद्धियएगिदिएहि वि तहेव एक्कारसउद्देसगसंजुत्तं सतं ! एवं
एयाणि चत्तारि भवसिद्धिएसु सताणि । चउसु वि सएसु सव्वे पाणा जाव
उववन्नपुव्वा ? नो इण? समढे ।। ६५. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ।। ६६. जहा भवसिद्धिएहि चत्तारि सताई भणियाइं एवं अभवसिद्धिएहि वि चत्तारि
सताणि लेस्सासंजुत्ताणि भाणियव्वाणि । सव्वे पाणा तहेव नो इणद्वे समढे । एवं
एयाई बारस एगिदियमहाजुम्मसताई भवंति ।। ६७. सेवं भंते ! सेवं भंते ! त्ति ।।
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