Book Title: Yoga Shastram
Author(s): Subodhsuri, Ruchaksuri
Publisher: Dharmbhaktipremsubodh Granthamala Prakashan Samiti
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योग
आ. भक्ति म. जीवन
शास्त्रम्
REGARD
॥१०॥
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शेषमलनी दीक्षा पूज्य पन्यासजी महाराजना वरद हस्ते स. १९८८ ना पाप बदी-१० ना रोज थइ. तेमर्नु नाम सुबोधविजयजी पाडवामां आव्गुं अने तेमनी वडी दीक्षा महा वदी-६ अमदावाद शाहपुरमा थइ. आ बन्ने बांधव बेलडी आजे पू. आ. प्रेमसूरिजी अने पु. पंसुबोधविजयजी पूज्य आचार्यदेव भक्तिसूरीश्वरजी महाराजना समुदायनी सान वधारता विचरे छे.
अमदावादथी विहार करी पू. पंन्यासजी महाराज कपडवंज पधार्या त्यां सुरतनी आग्रहभरी विनंति थवाथी वि. स. १९८८नु चातुर्मास सुरत करी वि. सं. १९८९नु चातुर्मास मुंबइ लालबागमा कयु अने तेमना शिष्य मुनिश्री कचनविजयजीने गोडीजीमां चातुर्मास करवा माटे आज्ञा आपी.
मुंबइना चातुर्मास दरमियान घणी दीक्षाओ प्रतिष्ठाओ अने अनेकविध धर्मप्रभावनाना कार्य करी पृ. पन्यासजी महाराज खंभातनी आग्रहभरी विनति थवाथी खंभात पधार्या. अने वि. सं. १९९०नु चातुर्मास खंभात कयु. अहि मुनिश्री कंचनविजयजी अने मुनिश्री भुवनविजयजीने भगवतीना योगमा प्रवेश कराव्यो अने खंभातमां उपधान तप विगेरे अनेकविध शासन प्रभावनाना कार्य करावी पूज्य पन्यासजी महाराज पालीताणा पधार्या. अहिं पालीताणामां वि. सं. १९९१ना महा सुदी ६ना चडते पहोरे मुनिश्री कंचनविजयजी अने मुनिश्री भुवनविजयजीने गणि तथा पन्यास पदवीथी विभूषित कर्या.
पदार्पण महोत्सव बाद तलाजा थई पृ. पंन्यासजी महाराज भावनगर पधार्या अने सं. १९९१नु चातुर्मास तेमणे भावनगरमां कयु. चातुर्मास बाद संघ साथे पालीताणा यात्रा करी लीबडी पधायाँ.
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॥१०॥

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