Book Title: Vidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Author(s): Gopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची].
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कर्ता
लिपिसमय । पत्रसंख्या | .. .. विशेष विवरण आदि.
क्रमाङ्क
ग्रन्थनाम
(१२) । (४७) रज्जबजीके स्फुट पद राग ३, । रज्जब
पद १२ (४८) समयसार नाटक छन्द २६१ । बनारसीदास (४९) वाजिदजीकी अरिल्ल अंग ३ वाजिदजो......
अरिल ४२ (५०) बनारसीदासजीके पद राग ७, | बनारसीदास
१७४१-४३ २६०,
३१२,३१३ २६१-३१२ / ग्रंथ पूर्ण है। आगे कुछ पद भी हैं। ... ३१४-३१५
पद १४
३१५-३१८ | पद उत्तम हैं । अध्यात्म धमाल बहुत बढ़िया
है, अन्य पद भी एक से एक बढ़िया हैं। ३१८ ८ पद 'करनैसुख श्रीभागोतविचार' प्रादि।
(५१) स्फुट सन्त-पदावलो
(१) नरसी (२) सूर । (३) हरदास . कबीर
३१३-३२० ३२०
. .. .... राग सूहामें। . ...
३२१
(५२) कबीरजीका चन्द्रायणा (५३) कबीरजीकी शब्दी साखी
चौपाइयों में (५४) कबीरको अष्टपदी (५५) कबीरजीकी बारहपदी (५६) कबीरजीकी चौपदी (५७) सकल गहरो (इग्यारहो ?) (५८) बावनी (५९) रैदास-कबीरगोष्ठी दोहे ४१ (६०) स्फुट सन्तोंके पद
३२१-३२२ ३२२-३२३ ३२३ राग सूहामें, ११. छंद । । ।
ककारसे क्षकार तक ४०. चौपाई छन्द । ३२४--३२५ ३२६-३३०. | पृष्ठ ३२६B पर संपूर्ण ग्रन्थको पद्यसंख्या
इस प्रकार लिखी हैकबीरजीकी र
(१) सेन . (२) जैमल (३) मोहन .