Book Title: Vidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Author(s): Gopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची]
कर्ता
लिपिसमय
। पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
क्रमात
ग्रन्थनाम
१७७४२ स्फुट पत्र १०७१-१३५
लि.क.-पुरोहित रतनराम, सांगानेरमध्ये ।
केशवदास
(३५) (६) मन्त्र गूमड़ीको प्रादि
(७) रामचन्द्रिका ३६ / गुटका-.
| गीता (भाषानुवाद) ३७ / गुटका---
(१) गीता (भाषानुवाद)
हरिवल्लभ
१९०६
"
(२) स्तुति स्योमहाराजको ३८ गीता (भाषानुवाद)
३६ गीता (भाषानुवाद)
१८८८ १-१४८ .लि.क.-दाह्मण रामवल्लभ, भद्रावतीमध्ये
कवर करणसिंहकृते। भद्दे अक्षरों में लिखी है :
१४४-१५५ स्वरूपदास निरञ्जनी १८७२७१ ५ ०वा पत्र अप्राप्त । र.का.-सं० १७४२
दीपावली । लि.फ.-रामसुख मानदासशिष्य ।
प्रति जीर्ण है। जटाशङ्कर | १८०६ १७६ अपूर्ण है । ६ अध्यायोंका अनुवाद है।
नोट-इसमें श्लोक, फिर हिन्दी-पद्यानुवाव दिया है । टीका ललित और उत्तम है। सेवाराम संघी तुहाड़िया जयपुरनिवासीके लिये इस अनुवादको रचना हुई। जटाशङ्कर
डीडवानाका ब्राह्मण था । वह जयपुरमें
। रहता था। भगवानदास निरजनी
लि.क.-हीरादास हजारोदासशिष्य, नगर बोड़ा
वडमध्ये। | १६वीं.श. ३२ . अपूर्ण व अशुद्ध है।
४० / गीता (भाषानुवाद)
१२५
३२
- ४१ / (१) गीतामूल एवं भाषाटीका
। (२) कोकशास्त्र ..