Book Title: Vidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Author(s): Gopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
View full book text
________________
[ ५८
राजस्थान प्राच्यविद्याप्रतिष्ठान-विद्याभूषण-ग्रन्थ-संग्रह-सूची .. ... ... ... ...
कर्ता लिपिसमय पत्रसंख्या
विशेष विवरण आदि
क्रमा
ग्रन्थनाम
५६ / श्रीवाणीजी
श्रीवल्लभरसिक
- १९८८ ३८ सं. १९७६की प्रतिसे प्रतिलिपीकृत। .:: .":. लि.फ.-श्रीभगवान् शर्मा चतुर्मुख (चौम)
निवासी। 'मिश्रबन्धु विनोद' में दो वल्लभरसिक
... नाम दिये हैं (१) पृष्ठ ५०५ सं० ३८४ पर । ..... इनके द्वारा रचित ग्रन्थका नाम 'मांझ' लिखा
है। इनका जन्म १६८१ और रचनाकाल सं. . १७१० दिया है । दूसरे, वल्लभरसिकका
उल्लेख पृष्ठ ७५५ सं० ७८०पर है । ये : गदाधरभट्ट सम्प्रदायके थे। इनके ग्रन्थ (१)
स्फुट पदं (२) वाणी लिखे हैं। रचनाकाल • सं. १८०० विक्रमी । विवरणमें लिखा है कि | 'वाणी छत्रपुर में देखो।' यह नोट पुरोहितजी
द्वारा गुटके पर ही लिखा हुआ है। (सं.)
• लाल खारवेका पुराना गुटका १०४६ अंगुल . . . प्रमाण । ... ...
. ... ... १९वीं श. ६८ पूर्ण, प्रशुद्ध । ....... .: :... ६९-१२१ । गीताका अनुवाद प्रतीत होता है। इसके नव
अध्याय हैं । लि.फ.-कनीराम जोशी। ... १२२-१४७ यह कथा पपपुराणके अन्तर्गत है, जिसका
ढूंढाढी बोलीमें अनुवाद है। (सं०)
५७ / गुटका
(१) चित्रमुकुटको बात . (२) ज्ञानमाला (कृष्णार्जुनसंवाद) (३) दोतयारको कथा
- ५८ गुटका--
। (१) बलिवामनचरित्र
हृदयराम
| लि.क.-चौधरी प्राणनाथ प्रागपुरामध्ये ।
-
-