Book Title: Vidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Author(s): Gopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 189
________________ • चर्पटनागार्जुनसंवाद ६१ चत्रका पद ४१ चत्रनाथका पढ ४६ चाणक्यनीतिभापा (उम्मेदराम ) ३५ चाणक्यनीतिसार १४६, १५६ चाणक्य सारसंग्रह १५६ चार छन्द ( तत्ववेत्ता ) ४ चार दिशा २ / चार वेदमें पट् शास्त्र ३ चारों सम्प्रदाय घोर दादूपंथ ४ चाक्षुषोपनिषत्स्तोत्र १२८ चिकित्सासार (गंगाधर ) ५३ चिन्तामणि पिङ्गल ( चिन्तामणि कवि ) ६० चिन्तावणवोधग्रन्थ ( सूरतराम ) ६६ चिन्तावणिग्रन्थ ( रामचरण ) ६८ चिन्तावणिजोगग्रन्थ १३ 33 "3 " 97 (खेमदास ) १५ ( जगजीवन ० ) १५ ,, चिन्तावणी (रामचरणदास)- १७ [ ७ ] ( लालदास) १६ ( हरिसिंघ) ६४ - 33 चित्रकाव्य ( सुन्दरदास मोहनदास ) ८६ चित्रमुकुटको बा ५८ चित्रामनी (नारायणदास ) ११६ चित्रामनी ( चेतावनी ?) ( शेख फरीद) ११६ चुगलसुखचंपेटका (कविराजा बांकीदास) ११५, १२० चुकनाथको व्दीदी ४६ चूणकरकी शब्दी २३ चैनदासजी के पद ४६ चोरंगनाथको शब्दी २२ चौदह विद्या श्राध्यात्मिक अर्थ ४ चौपदी (कवीर ) २७, ३८ चौपदी रमेणी (कबीर ) ६६ चौबीस अवतार (अग्रदास ) ८५ चौवीस गुरलीला (जनगोपाल ) ३१, ६२ चौवीस गुरांकी लीला ४६ चौबीस सिद्ध ४, ४२ चोवीस सिद्धनाग ६१ चौरंगीपावकी शब्दी ४५ छ छन्द पानूजीरो १५२ छन्द रत्नावली ( हरी रामदास निरंजनी) छप्पय कवित्त (सेवादास ) १८ छायापुरुषलक्षणम् १३८ छीतमके पद ४२, ५२ ज १०८, १४८ ज्योतिष ( स्फुट ) ११० स्फुटपत्र १३६ ज्वालामालिनी मालामन्त्र १२६ जाखडी कायाप्राणसंवाद ४६ जगजीवनका पद ४२ जगजीवनको कवित्त ३ जगजीवनजी की दृष्टान्तसाखी ५ जगजीवनदासजी की वाणी १५, ६७ सांखी ६५ जगन्नाथजी के सवैया ३ जगन्नाथ पण्डितराज १०८ जगन्नाथशतक (भाषापद्यबद्ध ) १६२ जगन्मंगलस्तोत्र (जैन) सटिप्पण १४६ जगमालजी गीदोलीरी बात १५१ जडभरतचरित्र (जनगोपाल ) १६, ७६ जती हणवंतकी शब्दी २२ जन्म - कर्मलीला ( माधोदास ) ५५ जन्मकुण्डली १३८ जनगोपालंके पद ४६ 35 "1 जनरल सजेशन एण्ड क्रिटिसिज्म १२४ जमपुरी अठाईस कुंड प्राख्यानं ८० ( रामचरण ) जयपुरका इतिहास (सुंशी देवीप्रसाद ) १२१

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