Book Title: Vidyabhushan Granth Sangraha Suchi
Author(s): Gopalnarayan Bahura, Lakshminarayan Goswami
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 224
________________ राजस्थान प्राच्यविद्या प्रतिष्ठान ( Rajasthan Oriental Research Institute जोधपुर उद्देश्य १. राजस्थान में और अन्यत्र भारतीय संस्कृति के आधारभूत संस्कृत, प्राकृत, __अपभ्रंश, राजस्थानी, हिन्दी व अन्य भाषाओं में लिखित प्राचीन ग्रन्थों की खोज करना तथा उन्हें प्रकाश में लाना। २. प्राचीन हस्तलिखित ग्रन्थों का संग्रह कर उनके संरक्षण की व्यवस्था करना और उपयोगी ग्रन्थों को सम्बन्धित विद्वानों से सम्पादित: करा कर उनके प्रकाशन की व्यवस्था करना। ३. साधारणतः भारतीय एवं मुख्यत: संस्कृत व प्राचीन राजस्थानी के अध्ययन, अन्वेषण, संशोधन हेतु अत्यावश्यक उत्तम प्रकार का सन्दर्भ पुस्तक भंडार (मुद्रित ग्रन्थालय) स्थापित करना और उसमें देश-विदेश में मुद्रित विविध विषयक अलभ्य-दुर्लभ्य सभी ग्रन्थों का यथासंभ संग्रह करना। ४. संग्रहीत सामग्री से शोधकर्ता अध्येता विद्वानों को उनके अध्ययन और अनुसंधान में सहायता पहुँचाना । राजस्थान के लोक जीवन पर प्रकाश डालने वाले विविध विषयक लोकगीत, सांप्रदायिक भजन, पदादिक भक्ति साहित्य एवं सामाजिक संस्कार, धार्मिक व्यवहार तथा लौकिक आचार-विचार आदि से सम्बन्धित सभी प्रकार की सामग्री की शोध, संग्रह, संरक्षण, एवं प्रकाशन करने की.. व्यवस्था करना। Armdik

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