Book Title: Vichar Ratnakar
Author(s): Kirtivijay Upadhyay, Vijayjjinendrasuri
Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala

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Page 3
________________ | प्रकाश श्री विचार रत्नाकर कीय प्रकाशिका - श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला - लाखाबावल C/o श्रुतज्ञान भवन, ४५ दिग्विजय प्लोट, जामनगर ( सौराष्ट्र) वीर सं. २५२७ : : विक्रम सं. २०५७ : : सन् २००१ : : प्रथमावृत्ति : : प्रतयः १००० ||२|| प्रकाशकीय अमारी ग्रन्थमाला तरफथी प्राचीन साहित्य प्रकाशन योजनामां ग्रन्थाक ३७४तरीके आ श्री विचाररत्नाकर ग्रन्थ प्रगट करता आनंद थाय छे. आ ग्रन्थना कर्ता पूज्यपाद उपाध्याय श्री कीर्तिविजयजी महाराज छे. आ ग्रंथर्नु संशोधन अने संपादन पूज्य आ. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजे कर्यु छे. आ ग्रन्थ प्रकाशित करवा माटे पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरसदुपदेशथी (१) श्री वेम्बली केन्टनएहेरो सत्संग मंडल लंडनः हः श्री मोतीचंद अस. गुढका, रतीलाल डी गुढका, श्रीमती कंचनबेन मोतीचंद गुढका (२) हा.वी.ओ तपा उपाश्रय धर्मस्थानक ट्रस्ट, ४५, दिग्विजय प्लोट, जामनगर (३) श्री माटुंगा बीबी, श्वे. मू. तपगच्छ जैन संघ, मुंबइ (४) पू. आ. श्री विजयप्रभाकरसूरीश्वर सदुपदेशथी श्री मुक्तिचंद्रसूरीश्वर आराधना ट्रस्ट, अमदावाद (५) पू. मु. श्री दिव्यानंद विजयजी सदुपदेशथी शांतिभवन तपागच्छ जैन संघ आणदाबाबा चकला जामनगर (६) पू. सा. श्री पुण्य प्रभाश्रीजी सदुपदेशथी मातृमंदिर आराधना भवन आराधक श्राविका, तारदेव रोड, मुंबइ तरफथी सहकार मळेल छे ते बदल तेमनो आभार मानीए छीए अने भविष्यमा पण सहकार मळतो रहे तेवी अपेक्षा राखीए छीए, ता.२६-३-२००१ देवचंद पदमशी गुढका लाखाबावल व्यवस्थापक - श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला ||२||

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