Book Title: Vichar Ratnakar Author(s): Kirtivijay Upadhyay, Vijayjjinendrasuri Publisher: Harshpushpamrut Jain Granthmala View full book textPage 2
________________ - श्री हर्षपुष्पामृतजैन ग्रन्थमाला-ग्रंथाङ्कः - ३७४ श्री महावीरजिनेन्द्राय नमः श्री मणिबुद्ध्याणंद-हर्षकर्पूरामृतसूरि-गुरुभ्यो नमः । वाचकवर श्रीकीर्तिविजयोपाध्यायविरचितः 卐 श्री विचारत्नाकरः ॥ 11911 की का 24 संशोधकः संपादकश्च तपोमूर्ति पूज्याचार्यदेव श्रीविजयकर्पूरसूरीश्वर-पट्टधर-हालारदेशोद्धारक पूज्याचार्यदेव श्रीविजयामृतसूरीश्वर:-पट्टधरः पूज्याचार्यदेवश्रीविजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः [ सहायकाः । पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरसदुपदेशेन (१) श्री वेम्बली केन्टनएहेरो सत्संग मंडल लंडन: श्री मोतीचंद ओस. गुढका, रतीलाल डी गुढका, श्रीमती कंचनबेन मोतीचंद गुढकाका - (२) हा.वी.ओ तपा उपाश्रय धर्मस्थानक ट्रस्ट, ४५, दिग्विजय प्लोट, जामनगर (३) श्री माटुंगा बीबी, श्वे. म. तपगच्छ जैन संघ, मुंबई (४) पू. आ. श्री विजयप्रभाकरसूरीश्वर * सदुपदेशेन श्री मुक्तिचंद्रसूरीश्वर आराधना ट्रस्ट, अमदावाद (५) पू. मु. श्री दिव्यानंद विजयजी सदुपदेशेन शांतिभवन तपागच्छ जैन संघ आणदाबाबा चकला जामनगर (E) पू. सा.की ISI श्री पुण्य प्रभाश्रीजी सदुपदेशेन मातृमंदिर आराधना भवन आराधन श्राविका, तारदेव रोड, मुंबई प्रकाशिका : श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला-लाखाबावल-शांतिपुरी (सौराष्ट्र) 11911Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 298