Book Title: Vastupal na Aprasiddha Shilalekho tatha Prashastilekho Author(s): Punyavijay Publisher: Z_Mahavir_Jain_Vidyalay_Suvarna_Mahotsav_Granth_Part_1_012002.pdf and Mahavir_Jain_Vidyalay_Suvarna_ View full book textPage 3
________________ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org पालाका कपिलेच मललाव किमपि काया मानानामात्यादिशासुग्री मिल का नितल मुल पादरी सुप्रालीमा तामंदीमा रातिनिgि काली राक्षादरा कलाविद दिन नारा (मान गीत्संगा NR वल कथानकाश कविक क विरुदात पाल दहमावा मा निल४ सय मि श्रीपाल सचिव प्रदान : वनि नवा मनस ताकि काम करून श्री रामानादिनिलाः सचिव दादी ॥ अनंत 13 अनानास मामला काम मिनीटी तावदानसमेत वाद्यादिना दाद तिमसि सीमामा सनातनी भुपाल नकद मानमरिवाधमाल भावित पारासनसदमा परिनपाताला लियगतमनुपालयन्ति पाल भिषामा हो भनि भावासाञ्च कलमबदन अर्य श्रीमान शातिग्रामाद्यीवाललवाणी कृप नाम कानन प्रासाद सादिकाननवतराची कडी लीहताना पिनट ॥दिनी (मदिनी॥ काणी पीच भद्राइड: कणभिश्रतानाविपतिः सना महादेगुले विदा दिाता लागकाल :15 घन ग्रीवा की नाकामा लिन आता विक्रमसंयम प्रदाता તો ધરાજ શત્રુંજયગિરધર ઉપરથી, વાઘણ પોળના સમારકામ દરમ્યાન, તાજેતરમાં મળી આવેલ મહામંત્રા વસ્તુપાલના વિ. સં. ૧૮ના બે શિલાલેખો चैन पहेलो शिक्षा (५०५Page Navigation
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