Book Title: Uttaradhyayan Sutram Part 03 Author(s): Sudharmaswami, Lakshmivallabh Gani Publisher: Shravak Hiralal Hansraj View full book textPage 3
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra उत्तराध्य यन सूत्रम् ॥५७७॥ www.kobatirth.org ॥ श्रीजिनाय नमः ॥ ॥ अथ श्रीमदुत्तराध्ययनसूत्रम् ॥ (मुलगाथा अने तेनुं भाषांतर- टीका अने टीकानुं भाषांतर ) (मूलकर्त्ता - श्रीसुधर्मास्वामी, टीकाकार-श्रीलक्ष्मीवल्लभमणि ) भाषांतरसहित छपावी प्रसिद्ध करनार - पंडित श्रावक हीरालाल हंसराज - (जामनगरवाळा ) Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ॥ अथ दशममध्ययनं प्रारभ्यते ॥ आ द्रुमपत्रनामनुं दशम अध्ययन आरंभ थाय छे. नवमेऽध्ययने चारित्रविषये निष्कंपत्वमुक्तं, तन्निष्कंपत्वं शिक्षात एव भवति, ततो दशमेऽध्ययने शिक्षां वदति, इति नवमदशमाध्ययनयोः संबंधः दशममध्ययनं श्रीगौतममुद्दिश्य श्रीवीरेणाभिहितमिति गौतमवक्त व्यता तावदुच्यते For Private and Personal Use Only भाषांतर अध्य०१० ॥५७७॥Page Navigation
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