Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Path Author(s): Jivraj Ghelabhai Doshi Publisher: Jivraj Ghelabhai Doshi View full book textPage 8
________________ उत्तराध्ययन मन्त्र 15// . Missa प्रथमं अध्यानम् I १. संजोगाविप्पमुक्कस्स अणगारस्त निरकुणीत विणयं पाउकरिस्सामि आणुपुद्धिं सुणेह मे याणानिदेसकरे गुरूणमुववायकारए । ङ्गियागारसंपन्ने से विणीए ति वुच्चई आणानिदेसगरे' गुरुणमणुवदायकारए । परिणीए असंबुद्धे अविणीए त्ति वुच्चई जहा सुणी पूइकली निकासिङइ सबसो। एवं दुस्सीलपमिणीए मुहरी निकसिकाइ कणकुएमगं चइत्ताणं विटं जुञ्जइ सूयरे । एवं सीलं चइत्ताणं उस्सीले रमई मिए सुणिया नावं साणस्स सूयरस्स नरस्स य। विणएठवेज अप्पाणमिच्छन्तो हियमप्पणो तम्हा विणयमेसिजा सील पमित्र नेहए। बुद्धपुत्त नियागढी न निकसिङाइ कएहुई १ Ch. (चा.) करे. ६. ७.Page Navigation
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