Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Path
Author(s): Jivraj Ghelabhai Doshi
Publisher: Jivraj Ghelabhai Doshi

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ विणयसुयमज्झयण, नाइजच्चे व नीए वा नासन्ने नाइदूरयो । फासुयं परकम पिएकं पमिगाहेज संजए ३४. अप्पपाणे ऽपबीयमि पमिबन्नंमि संवुमे। समयं संजए भुले जयं अपरिसामियं ३५. सुक्कमि त्ति सुपक्कि त्ति सुनिन्ने सुहमे ममे। सुणिटिए सुलद्धि त्ति सावज वझाए मुणी ३६. रमए पएिमए सासं हयं नई व वाहए। बालं सम्मइ सासन्तो गलियस्सं व वाहए ३७. खड्डया मे चवेमा मे अकोसा य वहा य मे। कह्माणमणुसासन्तं पावदिहि त्ति मन्नई ३८. पुत्तो मे नाय ना त्ति साहू कहाण मन्नई। पावदिहि न अप्पाणं सासं दासि त्ति मन्नई ३९. न कोवए आयरियं अप्पाणं. पि न कोवए। बुद्धोवघाई न सिया न सिया तोत्तगवेसए ४०. आयरियं कुवियं नच्चा पत्तिएण पसायए। विज्झवेज पलिउमो वएऊ न पुणु त्ति य ४१. धम्मङियं च ववहारं बुद्धेहायरियं सया। तमायरन्तो ववहारं गरहं नानिगच्छई ४२. . १ Ch. (चा.) न. २ Cn. (चा.) सासन्तो (जुओ ३७). ३ Ch. (चा.) दासु. ४ Ch. (चा.) पंजली.

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 206