Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Path
Author(s): Jivraj Ghelabhai Doshi
Publisher: Jivraj Ghelabhai Doshi
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, उत्तरज्झयणं.
मणोगयं वक्तगयं जाणित्तायरियस्स उ। तं परिगिज्झ वायाए कम्मुणा उववायए ४३. वित्ते अचोइए निच्चं खिप्पं हवइ सुचोइए। जहोवइटं सुकयं किच्चाई कुवई सया ५४. नच्चा नमई मेहावी लोए कित्ती से जायए। हवई किच्चाणं सरणं भूयाणं जगई जहा ४५. पुजा जस्स पसीयन्ति संबुद्धा पुत्वसंथुया। पसन्ना लाजश्स्सन्ति विउलं अहियं सुयं स पुजासत्थे सुविणीयसंसए _____मणोरुई चिढइ कम्मसंपया। . . तवोसमायारिसमाहिसंतुझे _____ महज्जुई पञ्च वयाई पालिया
४७. स देवगन्धवमणुस्सपूइए
चइत्तु देहं मलपङ्कपुत्वयं । सिके वा हव सासए देवे वा अप्परए महहिएँ ॥ ४८॥ त्ति बेमि
॥विणयसुयमज्झयणं ॥
२ Ch. (चा.) मंल पंक.
१ Ch. (चा.) नयइ. ३ Cn. (चा.) महि.

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