Book Title: Uttaradhyayan Sutra Mul Path
Author(s): Jivraj Ghelabhai Doshi
Publisher: Jivraj Ghelabhai Doshi

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Page 9
________________ उत्तरज्झयण. निसन्ते सियाऽमुहरी बुद्धाणं अन्तिए सा। अजुत्ताणि सिक्खिङा निरट्टाणि उ वजाए ८. अणुसासिउँ न कुप्पिका खन्ति सेविज पणिकए । खुड्डेहिं सह संसग्गिं हासं कीलं' च वजाए ९. मा य चएमालियं कासी बहयं मा य आलवे। कालेण य अहिजित्ता तर्ज झाइज एगगो १०. आहच्च चएकालियं कह न निण्हविज कयाइ वि । कळं कमे त्ति नासेजा अकमं नो कमे त्ति य ११. मा गलियस्से व कसं वयणमिले पुणो पुणो। . कसं व दहुमाइले पावगं परिवजाए ...... - १५. अणासवा थूलवया कुसीला मिउ पि चएकं पकरिन्ति सीसा। चित्ताणुया लहु दक्खोववेया पसादएं ते हु उरासयं पि नापुट्ठो वागरे किंचि पुट्ठो वा नालियं वए । कोहं असच्चं कुवेजा धारेजा पियमप्पियं १४. अप्पा चेव दमेयवो अप्पा हु खलु उद्दमो । अप्पा दन्तो सुही होइ अस्ति लोए परत्थ य १५. १ Ch. ( चा. ) की डं. २ Ch. (चा.) पसायए.

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