Book Title: Updeshmala
Author(s): Unknown
Publisher: Unknown

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Page 10
________________ Decemedepenceroeoa ।। जयन्तु श्री वीतरागसर्वज्ञभगवन्तः॥ । संपादकीय निवेदन। श्री उपदेशमाला दोघट्टी विशेषवृत्तिना संपादनकार्य अंगे नीचे जणावेल हाथपाथीयोनो उपयोग संपूर्णतया अने आंशिकपणे करेल छे. __A संज्ञक ताडपत्रपत्रिः-खंभात श्री शान्तिनाथ हस्तलिखित ताडपत्र भंडारनी प्रति, जेना ३१२ पत्रो छे. साइझ ३६४५ इंच लंबाइ-चोडाइ, प्रतिपत्रे छ पंक्तिओ छे. ताडप्रतिमा कोइक स्थले खंडित भाग हता जे बीजी प्रतिओना आधारे अखंडित शुद्ध थइ गया छे. ए ताडप्रति सं. १३९४ मा लखाएली जणाय छे. क्या अने कोणे लखावी ते प्रशस्तिना अन्त भागमा छपायेल छे. ताडप्रतिनो फोटो मेलबवा सफलता मेलवी शकाइ नथी. आ प्रतिना आधारे विद्वद्वर्य पंडित श्री छवीलदास केसरीचन्दे छपाववा योग्य सुन्दर-शुद्ध प्रेसकोपी लखी आपी. तेमनु स्मरण अत्र आवश्यक छे. ___B संज्ञावाली हस्तलिखितप्रति संशोधनकार्यदक्षतर-साहित्यरसिक मुनिराज श्री पुण्यविजयजी म. ना संग्रहनी छे. डा. नं. २०६ प्रति नं. ९९९९. ते प्रतिनुं लखाण एकसरखुं शरुथी छेडा सुधीनुं आकर्षक अने लेखनकलानी यादी आपे एवं | सुन्दर छे. वि. सं. १५२९ वर्षे लखाएली होवा छतां जालवणी सारी होवाथी प्रति सुन्दर हालतमा छे. आ प्रतिना छेल्ला पाने बीजो कागल चोंटाडीने मूल लखावनारनुं नाम तिरोहित करी खरतरगच्छना आचार्य- नाम जुदा पडता अक्षरोथी स्पष्ट IN तरी आवे छे. प्रतिना पाना १३५, साइझ १२॥४५ इंच लंबाइ-पहोलाइ. प्रतिपत्रमा १७ पंक्तिओ दरेक पंकिमा ७२ थी ८१ संख्या सुधीना अक्षरो लखेला छे. पत्र संख्या २८ तथा ९० खंडित लखाण तेटलो भाग लख्या वगरनो कोरो राखेल छे. | ॥ १४॥ संशोधनकार्यमां उपयोगी नीवडी छे. आ प्रतिना एक पानानो फोटो अहिं B संज्ञावालो आपेल छे. DecememeroeceDeceDeoen . ते प्रतिनुं लखाण एकसरखं शरुणी सारी होवाथी प्रति सुन्दर हाल जुदा पडता अक्ष

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