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झाबरा (पोकरण) में स्थापित तीसरी देवली का फोटो इसी राजपुरोहित परिवार में तीसरी पीढ़ी की देवली जो सं० १८७९ में पधराई गई है, उसमें सवाइजीरोत और शंभुप्रसादरोत दो खापें बताई गई हैं और सवाईजी के पुत्र का नाम 'आसुजी' लिखा है। इस देवली में सवाईजी रोत कजलीदास के साथ शंभुप्रसादरोत पुरोहिताणी कलदि के सती होने की सूचना है। यह सती सं० १८७९ में जेष्ठ शुक्ला १४ को हुई और उसकी देवली आषाढ़ बदी एकम् को चढ़ाई गई।
चौथी देवली सं० १७ (९?) ५४ वरषे जेठ (?) सुद ११ शुक्रवार' की दीख पड़ती है । इस देवली पर पुरोहित थनक (थानक गोत्र ?) झभरू की पत्नी (धणाइ) के महासती बनने को स्वर्ग लोक जाने की बात लिखी गई है।
चारों देवलियों के मूल लेख पंक्ति अनुक्रम से निम्न प्रकार हैं१. समत १८४७ वरषे ।
मती पोह बद १० वर सुक
खण्ड २१, वक
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