Book Title: Tiloy Pannati Part 1 Author(s): Vrushabhacharya, A N Upadhye, Hiralal Jain Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur View full book textPage 4
________________ श्री: जीवराज-जैन-ग्रन्थमालायाः प्रथमो ग्रन्थः ग्रन्थमाला-संपादको प्रो. आदिनाथ उपाध्यायः प्रो. हीरालालो जैनः श्री-यतिवृषभाचार्य-विरचिता तिलोय-पण्णत्ती (त्रिलोक-प्रज्ञप्तिः) ( जैन-लोकज्ञान-सिद्धान्तविषयकः प्राचीनः प्राकृतग्रन्थः ) प्रामाणिकरीत्या द्वितीयवारं पाठान्तरादिभिः प्रो. आदिनाथ उपाध्याय : प्रो. हीरालाल जैन : एम्. ए., डी. लिट्, एम्. ए., एल्एल्. बी. डी. लिट्. राजाराम कालेज, कोल्हापुर. वैशाली विद्यापीठ (बिहार) इत्येताभ्याम् पंडित-बालचंद्र-सिद्धान्तशास्त्रिकृतहिन्दीभाषानुवादेन सह संपादिता. प्रथमो भागः (द्वितीया आवृत्ति :) प्रकाशकः शोलापुरीयो जैन-संस्कृति-संरक्षक-संघः वि. सं. २०१२ ] [ई. स. १९५६ वीर-निर्वाण-संवत् २४८२ मूल्यं षोडश रूप्यकाणि Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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