Book Title: Thanangsuttam Mulam
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Page 12
________________ ठाणंगसुत्तं (मूलम्) नेरइयाणं दोहिं ठाणेहिं सरीरुप्पत्ती सिया, तंजहा-रागेण चेव दोसेण चेव। जाव वेमाणियाणं / नेरइयाणं दुट्ठाणनिव्वत्तिए सरीरगे पन्नत्ते, तंजहा-रागनिव्वत्तिए चेव दोसनिव्वत्तिए चेव / जाव वेमाणियाणं / दो काया पन्नत्ता, तंजहा-तसकाए चेव थावरकाए चेव / तसकाए दुविहे पन्नत्ते. तंजहा-भवसिद्धिए चेव अभवसिद्धिए चेव / एवं थावरकाए वि। 66. दो दिसाओ अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पव्वावित्तए पाईणं चेव उदीणं चेव / एवं मुंडावित्तए, सिक्खावित्तए, उवट्ठावित्तए, संभुंजित्तए, संवसित्तए, सज्झायमुद्दिसित्तए, सज्झायं समुद्धिसित्तए, सज्झायमणुजाणित्तए, आलोइत्तए, पडिक्कमित्तए, निंदितए, गरहित्तए, विउट्टित्तए, विसोहित्तए, अकरणयाए अब्भुट्टित्तए, अंहारिहं पायच्छित्तं तवोकम्मं पडिवज्जित्तए / दो दिसातो अभिगिज्झ कप्पति णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा अपच्छिममारणंतियसंलेहणाजूसणाझूसिताणं भत्तपाणपडियाइक्खिताणं पाओवगताणं कालं अणवकंखमाणाणं विहरित्तए, तंजहा-पाईणं चेव उदीणं चेव / // बिट्ठाणस्स पढमो उद्देसओ समत्तो // (बीओ उद्देसओ) 67. जे देवा उद्योववन्नगा कप्पोववन्नगा विमाणोववन्नगा चारोववन्नगा चारद्वितीया गतिरतिया गतिसमावन्नगा तेसि णं देसाणं सता समितं जे पावे कम्मे कजति तत्थगता वि एगतिया वेदणं वेदेति, अन्नत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदंति / णेरइयाणं सता समियं जे पावे कम्मे कजति तत्थगता वि एगतिया वेयणं वेदेति अन्नत्थगता वि एगतिता वेयणं वेदेति, जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं। मणुस्साणं सता समितं जे पावे कम्मे कजति इहगता वि एगतिता वेयणं

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